क्रिस्टल टॉवर में लगी थी आग, इस बच्ची ने स्कूल में सिखाई ड्रिल से बचाई कई जान
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क्रिस्टल टॉवर में लगी थी आग, इस बच्ची ने स्कूल में सिखाई ड्रिल से बचाई कई जान

मुंबई शहर के परेल इलाके में 18 मंजिला क्रिस्टल टॉवर की 12वीं मंजिल पर बुधवार सुबह करीब 8.30 बजे आग लग गई थी.

जेन ने स्कूल में बताए आग से बचने के उपायों को अपनाकर परिवार और कई पड़ोसियों की जान बचाई

राकेश त्रिवेदी, मुंबई: मुंबई शहर के परेल इलाके में 18 मंजिला क्रिस्टल टॉवर की 12वीं मंजिल पर बुधवार सुबह करीब 8.30 बजे आग लग गई थी. धुएं में दम घुटने से चार लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन इस अफरातफरी के बीच 10 साल की एक छात्रा जेन सदावर्ते ने सूझबूझ से काम लिया और अपने स्कूल में बताए आग से बचने के उपायों को अपनाकर परिवार और कई पड़ोसियों की जान बचाई. जी हां, पेशे से वकील गुणरत्न सदावर्ते की बेटी ज़ेन गुणरत्न सदावर्ते ने क्रिस्टल टॉवर में आग लगने पर अपनी सूझबूझ से एक-दो नहीं बल्कि 17 लोगों की जान बचाई.

  1. ज़ेन माटुंगा के डॉन बॉस्को इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ती हैं
  2. ज़ेन की बहादुरी की चर्चा अब उसके स्कूल में भी हो रही है
  3. घटना के बाद ज़ेन के स्कूल में हर बच्चा उसे बधाई दे रहा है

12वीं मंज़िल पर लगी थी आग, सदावर्ते परिवार का घर है 16वीं मंजिल पर
इस घटना की कहानी जी मीडिया ने ज़ेन गुणरत्न सदावर्ते से जानने की कोशिश की. जेन ने जी मीडिया को बताया, "मैं सो रही थी, तभी मां ने उठाया तो हमने देखा कि खिड़की से धुंआ अंदर आ रहा था. दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर कोहराम और अफरातफरी मची थी. मेरे पेरेंट्स और पड़ोसियों समेत तकरीबन 17 लोग हम सब हमारे घर से पड़ोस के घर में गए. सबसे पहले मैंने इलेक्ट्रिसिटी का मेन स्विच बंद करवाया और फिर लिफ्ट भी बंद करवाई. इसके बाद मैंने गैस सिलेंडर को अलग कर दूर सेफ जगह रखा. इस घर में लकड़ी और कपड़े के टुकड़े जैसे सभी ज्वलनशील चीज़ों को एक कमरे में डालकर कमरे को ताला लगाया ताकि आग अगर हम तक पहुंचे भी तो हमें ज्यादा नुकसान न हो. फायर ब्रिगेड को कॉल किया. कुछ ही समय में घर काले धुएं से भर गया. लोग घबराने लगे, तभी मुझे तीन साल पहले अपनी एक टीचर की कही बात याद आई कि आपातकाल में घबराने से क्या होगा, शांत दिमाग से सब कुछ आसानी से किया जा सकता है. मैं सभी को बालकनी की ओर ले गयी और वहां सभी को ये कहकर शांत किया कि हम शांत दिमाग से अपनी जान बचा सकते हैं. कार्बन से भरे धुएं में सांस ले पाना मुश्किल हो रहा था तब मुझे याद आया कि मैंने 3 साल पहले अपने स्कूल में क्लास 3 के लिए फायर सेफ्टी के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट किया था. लोगों को सांस लेने में मदद करने के लिए मैंने एयर फ़िल्टर/प्यूरीफायर तैयार किया, ये कोई बड़ी बात नहीं बस कॉटन को भिगोकर अपने मुंह और नाक में रखने के लिए कहा जिससे कार्बन छनकर हवा आने से आप नार्मल सांस ले सकते हैं. इससे लोगों को थोड़ी राहत मिली तब तक फायर ब्रिगेड पहुंच गयी और हमें लैडर से बाहर निकाला गया." 

स्कूल में बनी 'सुपर हीरो'
अपनी बहादुरी का क्रेडिट जेन अपने स्कूल और खास कर स्नेहल टीचर और पेरेंट्स को देती हैं. ज़ेन माटुंगा के डॉन बॉस्को इंटरनेशनल स्कूल में 6ठी क्लास में पढ़ती हैं. ज़ेन की बहादुरी की चर्चा अब उसके स्कूल में भी हो रही है. ज़ेन की हिम्मत और कारनामे पर स्कूल प्रिंसिपल, मैनेजमेंट, क्लास टीचर, स्टाफ से लेकर उसके साथ पढ़ने वाले सभी छात्राएं गर्व महसूस कर रहे हैं. स्कूल मैनेजमेंट ने शुक्रवार को ज़ेन को उसकी बहादुरी के लिए सम्मानित करने के अलावा स्कूल के बच्चों के साथ एक संवाद आयोजित किया है. ज़ेन के स्कूल में हर बच्चा उसे बधाई दे रहा है और वो अब स्कूल में किसी सुपर हीरो से कम नहीं हैं. स्कूल मैनेजमेंट को ख़ुशी है कि स्कूल में आयोजित प्रोजेक्ट और रिसर्च कार्यक्रम के चलते ज़ेन ने ना सिर्फ ज्ञान अर्जित किया बल्कि उसे सही समय पर अमल भी किया. ज़ेन के साथ उसकी क्लास में पढ़ने वाली मानसा ने जब क्रिस्टल टॉवर में आग की बात सुनी तब वह अपनी फ्रेंड ज़ेन को लेकर चिंतित हुई लेकिन ज़ेन की सलामती पर उसे जितनी ख़ुशी हुई उतना ही अब उसे ज़ेन की जाबांजी पर गर्व है.

सुप्रीम कोर्ट को भी लिख चुकी है चिट्ठी
ज़ेन के पिता गुणरत्न बताते हैं कि ज़ेन शुरू से ही समाजसेवा को लेकर अग्रसर रही है. छोटी उम्र में भी उसने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी कि बच्चों को कानूनी प्रक्रिया समझने के उद्देश्य से उन्हें अदालत में प्रवेश क्यों नहीं दिया जाता. वो सड़क के किनारे रॉन्ग पार्किंग के खिलाफ आवाज उठाती है. अस्पताल जाएगी तो वहां की गंदगी को लेकर लिखित शिकायत कर देती है. वो हमें भी गलत काम करने पर टोकती है. हमें फक्र है कि वो बहादुर होने के आलावा एक बेहतर नागरिक भी है.

जेन को याद हैं कई देशों के संविधान
यहां आपको यह भी बता दें कि ज़ेन हिंदी, इंग्लिश और स्पेनिश भाषा जानती है और उसने भारत के संविधान के अलावा अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों के संविधान को रट रखा है. ज़ेन बड़ी होकर एक वकील और एक साइंटिस्ट बनने के साथ समाज सेवा करने में अपना जीवन बिताना चाहती है.

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