खाड़ी देशों से तेल सप्लाई बंद हुई तो भारत का क्या होगा, क्या होर्मुज को हथियार बनाएगा ईरान
Advertisement
trendingNow12812220

खाड़ी देशों से तेल सप्लाई बंद हुई तो भारत का क्या होगा, क्या होर्मुज को हथियार बनाएगा ईरान

Strait of Hormuz News: परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान बदला लेने को बेताब दिख रहा है. वो ऐसे विकल्प को आजमाने की फिराक में है, जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. होर्मुज जलडमरूमध्य ऐसा ही हथियार बन सकता है.

strait of Hormuz importance
strait of Hormuz importance

ईरान उसके परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले के बाद इजरायल-अमेरिका और उसका समर्थन करने वाले देशों को सबक सिखाने के विकल्प तलाश रहा है. उसका पास सबसे बड़ा हथियार होर्मुज स्ट्रेट यानी समुद्री गलियारा है, जिसको बंद करते ही सऊदी अरब-यूएई समेत सभी खाड़ी देशों की कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति ठप पड़ जाएगी. होर्मुज की अहमियत समझते हुए अमेरिका ने ईरान को चेतावनी भी दी है कि ऐसा करना उसके लिए आत्मघाती साबित होगा. भारत और चीन जैसे बड़े देशों को तेल-गैस आपूर्ति इसी रास्ते से होती है, लिहाजा ईरान के कदम का क्या असर होगा, आइए जानते हैं... 

रूस से दोस्ती भारत के काम आएगी
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद भी कर देता है तो भारत को बड़ा खतरा नहीं है, क्योंकि भारत ने पिछले कुछ सालों में तेल खरीदने के बड़े विकल्प तलाश लिए हैं. यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस भारत को सबसे ज्यादा तेल निर्यात कर रहा है, जो करीब 35 फीसदी है. 

भारत अभी ईरान, सऊदी अरब-यूएई समेत अन्य खाड़ी देशों से करीब 40 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है, जबकि एलएनजी का 50 फीसदी आयात कतर से होर्मुज के रास्ते ही होता है. इससे लागत कम पड़ती है. लेकिन भारत पिछले कुछ सालों से रूस, ब्राजील और अमेरिका से बंपर तेल आयात कर रहा है. ऐसे में अगर होर्मुज से सप्लाई बंद भी हो जाती है, तो वो तेल आपूर्ति के अंतर को आसानी से पाट सकता है. 

भारत ने दिखाई समझदारी
यूक्रेन युद्ध के बाद आर्थिक प्रतिबंध झेल रहा रूस भारत को बढ़िया छूट के साथ कच्चा तेल दे रहा है. भारत रूस से क्रूड ऑयल सप्लाई और बढ़ा सकता है. रूस से भारत को क्रूड ऑयल की सप्लाई खाड़ी के अन्य देशों के मुकाबले जून में तो करीब दोगुना बढ़ी है. होर्मुज ईरान और अरब सागर की खाड़ी के बीच 35 किलोमीटर का छोटा सा गलियारा है. इसके एक तरफ ईरान तो दूसरी ओर यूएई और ओमान हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका-इजरायल के हमले पर खामोश बैठे इस्लामिक देशों को सबक सिखाने के लिए  ईरान ये ब्रह्मास्त्र चला सकता है. 

भारत पर कम असर होगा
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और अपनी जरूरत का करीब 90 फीसदी तेल दूसरे देशों से मंगाता है. इसमें 40 फीसदी हिस्सा सऊदी अरब, ईरान, यूएई, कुवैत और इराक जैसे देशों से आता है. भारत रोजाना करीब 51 लाख बैरल क्रूड ऑयल रोज मंगाता है. जबकि अकेले रूस से ही रोजाना 2.2 मिलियन बैरल प्रति दिन क्रूड ऑयल भारत मंगा रहा है. ऐसे में पिछले दो सालों में भारत अपनी कुल मांग का करीब 34-35 फीसदी कच्चा तेल आयात रूस से ही कर रहा है.

भारत में कब आया था तेल संकट
भारत को इससे पहले कच्चे तेल की आपूर्ति का संकट 1973 और 1979 में झेलना पड़ा था. 1973 में अरब इजरायल युद्ध के दौरान ओपेक देशों ने इजरायल को समर्थन देने वाले देशों को सप्लाई रोक दी थी. इससे तेल की आपूर्ति और कीमतों में असर दिखा था. ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति के दौरान भी तेल आपूर्ति रुकी तो भारत को परेशानी हुई. तब भारत अपनी जरूरत का 60 से 65 फीसदी कच्चा तेल इन मध्यपूर्व के देशों से ही मंगाता था.

चीन को तगड़ा नुकसान
होर्मुज बंद होता है तो चीन और ईरान को खुद तगड़ा नुकसान होगा. ओपेक देशों में तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक ईरान रोजाना करीब 3.3 मिलियन बैरल प्रति दिन तेल उत्पादन करता है. इसमें 1.84 मिलियन बीपीडी यानी आधे से ज्यादा चीन को निर्यात करता है. तेल आपूर्ति निगरानी कंपनी Kpler के अनुसार, चीन का 50 फीसदी से ज्यादा तेल खाड़ी देशों से आता है, लिहाजा उसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा. 

100 डॉलर पहुंचेगा क्रूड ऑयल
गोल्डमैन सॉक्स के अनुसार, इससे कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं.कच्चे तेल के दाम ईरान-इजरायल युद्ध के बाद से 5 फीसदी तक बढ़ चुके हैं.

कहां है होर्मुज जलडमरूमध्य 
होर्मुज जलडमरूमध्य 39-40 किमी का गलियारा है, जहां से विश्व का 20 फीसदी कच्चा तेल-प्राकृतिक गैस (LNG) की आवाजाही होती है. होर्मुज अरब की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच संकरा रास्ता है. ईरान यहां से बड़े समुद्री जहाजों का आवागमन बंद कर सकता है. सऊदी अरब-यूएई, कुवैत-इराक, कतर-बहरीन, ओमान जैसे देशों को यहां से तेल सप्लाई सस्ती और आसान पड़ती है. होर्मुज स्ट्रेट के बड़े हिस्से पर ईरान का नियंत्रण है. दूसरे हिस्से में ओमान और यूएई के पास थोड़ा इलाका है.  

समुद्र में बारूदी सुरंगें 
 खबरों के मुताबिक, ईरान ने होर्मुज स्ट्रेट के आसपास बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं.ईरान-इराक युद्ध में एक अमेरिकी युद्धपोत इसी बारूदी सुरंग की जद में आ गया था.ईरान के पास ऐसी हल्की और भारी बारूदी सुरंगें हैं, जो समुद्र की तलहटी में तैरती रहती हैं. फिर कोई जहाज पास आते ही उसके पेंदे से चिपक जाती हैं और धमाका कर देती हैं. 

क्या है होर्मुज जलडमरूमध्य 
होर्मुज के रास्ते से सऊदी अरब (63 लाख बैरल रोजाना), यूएई, कुवैत, कतर, इराक (33 लाख बैरल रोजाना) और ईरान (18 लाख बैरल रोजाना) कच्चा तेल भेजते हैं. LNG गैस का सबसे बड़े स्रोत कतर की पूरी सप्लाई भी यहीं से होती है.

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;