करतारपुर कॉरिडोर परियोजना पूरा होने के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है. गुरुद्वारे से जीरो लाइन तक की सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और बाकी कार्य तेजी से पूरा किया गया है.
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कुलवीर दीवान/नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur corridor) के निर्माण और नवीनीकरण का काम बाबा गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव से पूर्व नवंबर तक पूरा होने के संकेत मिल रहे हैं. इन सबके बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने करतारपुर कॉरिडोर निर्माण पर विरोध जताया है. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ कोई भी रिश्ता नहीं रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य रोक देना चाहिए.
सुब्रमण्यम स्वामी का मानना है कि पाकिस्तान अपने आतंकवादी रूख में बदलाव नहीं कर रहा है. लिहाजा उसके साथ कोई भी रिश्ता कायम नहीं करना चाहिए. हालांकि सुब्रमण्यम स्वामी ने सिखों की भावनाओं को सम्मानजनक बताया. लेकिन, उन्होंने सिखों को राष्ट्र के रक्षक बताते हुए उम्मीद जताई कि वो पाकिस्तान की आतंकवादी सोच को समझेंगे.
सुब्रमण्यम स्वामी चंडीगढ़ में "वेकेशन ऑफ़ पीओके" विषय पर आधारित एक सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेने पहुंचे थे. बीते दिनों पाकिस्तान सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल मिर्जा असलम बेग द्वारा करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल खालिस्तानी आतंक के लिए किये जाने के बयान पर सुब्रमण्यम स्वामी प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है कि करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण जितना हो चुका है, इसको यहीं रोक देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद फैला रहा है, लिहाजा पाकिस्तान से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिए.'
करतारपुर कॉरिडोर से करोड़ों सिखों की भावनाएं जुड़ी होने के सवाल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वो सिखों की भावनाओं का सम्मान करते हैं. सिखों ने हमेशा ही राष्ट्र रक्षा में अपना अहम योगदान दिया है और सिख पाकिस्तान के आतंकवादी नजरिये को भी समझेंगे. स्वामी ने खालिस्तान समर्थकों को नासमझ बताया. इसी दौरान स्वामी ने पाकिस्तान के चार टुकड़े किये जाने की वकालत की और यह भी कहा कि भारत को अखंड बनाना है और पीओके को भारत में मिलाना है. पीओके भारत का हिस्सा है. सुब्रमण्यम स्वामी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को चपरासी बताया और कहा कि इमरान खान से बात ही नहीं करनी चाहिए.
गौरतलब है कि करतारपुर कॉरिडोर परियोजना पूरा होने के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है. पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को यह आश्वासन दिया था कि इस साल बाबा गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव से पूर्व नवंबर तक निर्माण और नवीनीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा. पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही नारोवाल जिले में गुरुद्वारा दरबार साहिब के आसपास एक नया शहर उभरेगा. दर्शन प्वाइंट जीरो टर्मिनल पर कार्य प्रगति पर है, जिसे तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है. इसके अलावा, कॉरिडोर परियोजना के कारपेटिंग का काम शुरू किया गया है.
गुरुद्वारे से जीरो लाइन तक की सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और बाकी कार्य तेजी से पूरा किया गया है. रावी नदी के पुल का कार्य पूरा कर लिया गया है. गुरुद्वारा साहब कॉम्प्लेक्स में तीर्थयात्रियों के आवासीय भवन और लंगरखाना का कार्य 70 प्रतिशत पूरा किया जा चुका है. निर्माण और नवीनीकरण का काम बाबा गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव से पूर्व नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
अधिकारियों ने कहा था कि पाकिस्तान तीर्थ यात्रियों के लिए छह आवासीय ब्लॉक की स्थापना करेगा, जहां 700 तीर्थयात्रियों के रूकने की व्यवस्था की जा सकेगी. इसके अलावा यहां 100 इमिग्रेशन काउंटरों का निर्माण किया गया है. करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से भारतीय सिख तीर्थयात्री करतारपुर साहिब में स्थित गुरुद्वारा तक की यात्रा बिना वीजा के कर सकेंगे.
भारत-पाकिस्तान की सीमा से चार किलोमीटर दूर, पाकिस्तान के नरोवाल में स्थित करतारपुर साहिब एक छोटा सा शहर है. यहां सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 नवंबर, 2018 को पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले से जोड़ने के लिए करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी.