सेना पर FIR- रक्षा मंत्री की चुप्‍पी पर आश्‍चर्य है: सुब्रमण्‍यम स्‍वामी
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सेना पर FIR- रक्षा मंत्री की चुप्‍पी पर आश्‍चर्य है: सुब्रमण्‍यम स्‍वामी

प्राथमिकी में सेना के एक मेजर का भी उल्लेख है जिसने शनिवार को घटना के समय सैन्य कर्मियों का नेतृत्व किया था.

सुब्रमण्‍यम स्‍वामी (फोटो: ANI)

नई दिल्‍ली: पिछले दिनों जम्‍मू-कश्‍मीर के शोपियां में ससेना की फायरिंग में दो नागरिकों की मौत हुई थी. उस मामले में सेना के कुछ लोगों के खिलाफ राज्‍य सरकार की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई है. राज्‍य सरकार के इस रुख से खफा बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए इस मसले पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की चुप्‍पी पर सवाल खड़े किए. उन्‍होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया के मुताबिक जम्‍मू-कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में कहा, ''मैंने शोपियां में सेना की फायरिंग मामले में रक्षा मंत्री से बात की है. उन्‍होंने कहा है कि आपको लगता है कि यदि कोई अपराध हुआ है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कीजिए.''

  1. शोपियां में सेना की फायरिंग में दो लोग मारे गए
  2. राज्‍य सरकार ने दिए जांच के आदेश
  3. सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने इस पर जताई आपत्ति

स्‍वामी ने कहा कि इसके बावजूद रक्षा मंत्री ने इस मामले में अपना स्‍पष्‍टीकरण नहीं दिया है. क्‍या हमको उनकी खामोशी को हां माना जाना चाहिए. यदि ऐसा है तो यह पार्टी की नीतियों, भारतीयों की भावनाओं और देशभक्ति के खिलाफ है. यदि वह दो फरवरी तक इस मामले में अपनी सफाई नहीं देती तो मैं इस मुद्दे को सदन में उठाऊंगा.

महबूबा मुफ्ती से जताई नाराजगी
इससे पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार के रुख पर सख्‍त नाराजगी जताई है. उन्‍होंने कहा कि राज्‍य की महबूबा मुफ्ती की सरकार ये एफआईआर वापस ले नहीं तो उनकी सरकार गिरा दी जाएगी. उन्‍होंने यह भी कहा कि हम अभी तक इस सरकार को क्‍यों चला रहे हैं? ये बात हमारी समझ में नहीं आ रही है.

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पुलिस कार्रवाई का बचाव करती दिखीं महबूबा मुफ्ती
इस बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि शोपियां में गोलीबारी में शामिल सेना की एक यूनिट के खिलाफ पुलिस की प्राथमिकी को तार्किक अंत तक ले जाया जाएगा जिसमें दो नागरिकों की मौत हो गई थी. महबूबा ने ऐसा कहकर अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा को झटका दिया है जिसने हत्या का मामला वापस लेने की मांग की थी. महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में यह बात हंगामे के बीच पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कही. महबूबा ने गोलीबारी की घटना और भाजपा विधायक आर एस पठानिया की प्राथमिकी तत्काल वापस लेने की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामे के बीच यह बात कही. पठानिया ने यद्यपि कहा कि उनकी पार्टी मजिस्ट्रेट जांच का समर्थन करती है ताकि कानून अपना काम कर सके.

अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी सेना की गढ़वाल यूनिट के खिलाफ रनबीर दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत दर्ज की गई है. प्राथमिकी में सेना के एक मेजर का भी उल्लेख है जिसने शनिवार को घटना के समय सैन्य कर्मियों का नेतृत्व किया था. शोपियां के गनोवपोरा गांव में पथराव कर रही भीड़ पर सैन्य कर्मियों की गोलीबारी में दो नागरिक मारे गए थे. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने घटना की जांच का आदेश दे दिया था.

और क्या कहा महबूबा ने?
मुफ्ती ने कहा कि वह नहीं मानतीं कि पुलिस की कार्रवाई से सेना का मनोबल कम होगा. महबूबा ने घटना को राजनीतिक प्रक्रिया के लिए एक ‘‘झटका’’ बताते हुए कहा कि उन्होंने इसके बारे में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की है जिन्होंने मामले में जरूरी कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि किसी सैन्य अधिकारी ने कोई गलती की है, एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और यह सरकार का कर्तव्य है कि उसे तार्किक अंत तक पहुंचाएं.’’

शोपियां मामला : महबूबा ने कहा, 'सेना के खिलाफ FIR को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जाएगा'

महबूबा ने कहा, ‘‘हम सेना और अन्य सुरक्षा बलों से कह रहे हैं कि वे अत्यंत संयम बरतें लेकिन यह भी तथ्य है कि पहले जब कोई मुठभेड़ होती थी या यहां तक कि कोई फर्जी मुठभेड़ भी होती थी, गांव खाली हो जाते थे लेकिन अब जब कोई मुठभेड़ शुरू होती है तो सैकड़ों लोग सुरक्षा बलों पर पथराव में लिप्त हो जाते हैं.’’

बीजेपी ने की प्राथमिकी वापस लेने की मांग
वहीं पठानिया ने सैन्य कर्मियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश पहले ही दे दिया गया है और कानून को अपना काम करने देना चाहिए. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने एक बयान में सेना के खिलाफ ऐसे में प्राथमिकी दर्ज करने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया जबकि पथराव करने वालों के खिलाफ ने तो कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है न ही कोई जांच का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल कम हो. नेशनल कान्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देने के साथ ही सैन्य कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि भ्रमित करने वाले संकेत दिए जा रहे हैं.

सेना के पक्ष पर भी गौर किया जाएगा : डीजीपी
जम्मू कश्मीर पुलिस प्रमुख एस पी वैद ने कहा कि शोपियां मामले में प्राथमिकी दर्ज करना जांच की शुरूआत है और सेना के पक्ष पर भी गौर किया जाएगा. एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि क्या सेना का पक्ष भी जांच में शामिल होगा, डीजीपी वैद ने कहा,‘‘ सेना का पक्ष, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और अपने लोगों को खोने वाले लोगों के बयान भी इसमें शामिल होंगे.’’ वैद ने कहा, ‘‘ हम सभी तथ्यों और मामले के जमीनी सबूतों को देखेंगे और सेना से पूछताछ की जाएगी.’’ यद्यपि एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों ने तब गोलीबारी की जब एक भीड़ ने एक जूनियर कमिशन आफिसर की पीटने और उसकी राइफल छीनने का प्रयास किया.

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