राज्यसभा में विपक्ष पर हमला करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वो दिन गए जब शांति के कबूतर उड़ाए जाते थे, अब तो एक गोली के बदले 4 गुना गोलियां चलती हैं. हमारे प्रधानमंत्री और अमित शाह गुरु गोविंद सिंह और महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेते हैं.
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Sudhanshu Trivedi in Rajya Sabha: राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संसद में बोलते हुए एक बार विपक्ष को जमकर लताड़ा. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बारे अपनी राए रखते हुए त्रिवेदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने वो करके दिखाया है जो पहले की सरकार करने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं जीरो हैं लेकिन ये उन लोगों को नहीं दिखेगा जिनकी अक्ल पर पत्थर पड़े हुए हैं.
गृह मंत्रालय के बारे में बात करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,'मैं मानता हूं कि पिछली सरकारों ने आतंकवाद और अपराध की घटनाओं को कम करने के लिए काम किया होगा लेकिन मैं बता देने चाहता हूं कि जून 2004 से 2014 के बीच में 7214 थीं जो 2014 से 2024 के बीच में 2240 के बीच हैं, यानी 69 प्रतिशत की कमी आई. नागरिकों की मृत्यु में 81 फीसद की कमी आई है. सिक्योरिटी फोर्सेज की मृत्यु में 46 फीसद की कमी आई है. इसके अलावा पत्थरबाजी की घटनाएं 2010 में 2654 थीं और अब जीरों हैं.
A small part of video of my speech in Rajya Sabha today on Discussion about Home Ministry which I will resume and finish tomorrow around 1 pm.
Here is link full speech of today’s part https://t.co/gijLJzOE8q pic.twitter.com/BG7K56jxiw
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) March 19, 2025
उन्होंने कहा कि पत्थर पड़ने का दौर खत्म हो गया है लेकिन अगर किसी की अक्ल पर पत्थर पड़ा हुआ हो तो उसे बदला हुआ नजारा दिखाई नहीं पड़ता है, इसलिए मैं कहता हूं कि चश्मा उतारो यारो दुनिया नई है चेहरा पुराना. सुधांशू ने आगे कहा,'जब सरदार पटेल गृह मंत्री थे राज्यों का मेहकमा उनके पास था, तब जो कश्मीर की कसक रह गई थी वो अगस्त 2019 में अमित शाह जी के शासनकाल में खत्म हुई है. '
उन्होंने कहा कि 26/11 हमले से पहले 2007 में हवाना में जाकर ये कहा कि पाकिस्तान आंतकवाद से पीड़ित देश है लेकिन जब हमारी सरकार आई तो हमने कहा कि टेरर के साथ टॉक नहीं होगा. जब से मोदी जी की सरकार आई है हमने इस बात को बिल्कुल साफ-साफ कर दिया है और इसीलिए पिछले 11 साल ऐसे हैं जब कोई विपक्षी औपचारिक वार्ता नहीं हुई. उन्होंने कहा कि जब से हमारे गृह मंत्री आए हैं तो शांति के कबूतर उड़ने बंद हो गए, अब गुरु गोविंद सिंह जी के पाठ उड़ते हैं. इसी को हम लखनऊ की भाषा में कहते हैं कि 'मियां वो दिन लद गए, जब उस्ताद लल्लू खां फाख्ता उड़ाता करते थे.'
त्रिवेदी ने आगे कहते हैं कि ये लोग (विपक्ष) वो हैं जिन्हें भारत इतना कमजोर चाहिए था कि संसद को ऊपर लगे शेर भी ज्यादा आक्रामक लग रहे थे, इसके लिए ये लोग कोर्ट में गए थे. यानी विपक्ष को शेर, बिल्ली के जैसे चाहिए थे. लेकिन ये शायद भूल गए कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह गुरु गोविंद सिंह जी से भी प्रेरणा लेते हैं, शिवाजी महाराज से भी प्रेरणा लेते हैं. महाराणा प्रताप से भी प्रेरणा लेते हैं. मैं अब हमारी नीति के लिए कहना चाहूंगा कि
मन में है धैर्य मां तन में प्रचंड शौर्य
बन चंद्रगुप्त मौर्य प्रलय मचाएंगे,
महाराणा और शिवा की संतति कहाते हम
शीश कट जाए पर झुकने ना पाएंगे.
बार बार छेड़ीये ना भारत स्वाभिमान को
अन्यथा बाद में बहुत पछताएंगे.
सौगंध मां भवानी की उठेगी तलवार जब
आपके घरों पर चील कऊए मंडराएंगे.