Exclusive: कैसे हुई तिहाड़ से 200 करोड़ की वसूली? जानें सुकेश चंद्रशेखर के कारनामे की इनसाइड स्टोरी
200 करोड़ रुपये ठगे जाने के बाद रेलिगेयर के प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति ने जो एफआईआर (FIR) दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में दर्ज कराई है उसकी एक्सक्लूसिव कॉपी ज़ी न्यूज़ के पास है. जानिए इस काले कारनामे की इनसाइड स्टोरी.
नई दिल्ली: देश में समय समय पर लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले महाठगों के किस्से अक्सर सामने आते रहते हैं. इस सिलसिले में फिलहाल सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrasekhar) का नाम सुर्खियों में है. एशिया की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से 200 करोड़ से ज्यादा वसूलने की साजिश में सिर्फ सुकेश चंद्रशेखर अकेले ही शामिल नहीं था. दरअसल उसने इस वसूली की ऐसी सधी स्क्रिप्ट लिखी थी जिसपर कोई भी आसानी से भरोसा कर लेता. सुकेश ने अपनी साजिश में राजनीति और ब्यूरोकेसी के इतने बड़े नामों का इस्तेमाल किया कि उनके बारे में जानने के बाद किसी को भी काम ना होने की गुंजाइश रत्ती भर भी नहीं रहती थी.
वसूली की इनसाइड स्टोरी
200 करोड़ रुपये ठगे जाने के बाद रेलिगेयर के प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति ने जो एफआईआर (FIR) दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में दर्ज कराई है उसकी एक्सक्लूसिव कॉपी ज़ी न्यूज़ के पास है. आदिति ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि मेरे पति तिहाड़ जेल में 17 अक्टूबर 2019 से EOW के तीन अलग अलग केसों में बंद है. मेरे पति शिवेंद्र मोहन रैनबैक्सी, फोर्टिस हेल्थ केयर लिमिटेड और रेलीगेयर के प्रमोटर थे. मुझे लगातार जून 2020 से धोखाधड़ी और एक्सटॉर्शन के लिए फोन कॉल्स आ रहे थे और ये सिलसिला FIR होने के पहले तक जारी रहा.'
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बतौर अदिति, '15 जून 2020 को मेरे पास लैंडलाइन से एक फोन आया उस पर एक महिला ने कहा कि अनूप कुमार नाम के शख्स आपसे बात करना चाहते है, फिर वो कॉल ट्रांसफर हुआ. दूसरे शख्स ने खुद को लॉ सेक्रेटरी ऑफ इंडिया बताया. कॉल करने वाले ने शख्स ने कहा कि मुझे हाई ऑथरिटी की ओर से आपकी मदद करने को कहा है. लॉ सेकेट्री बताने वाले शख्स ने दोपहर में फिर मुझे फोन किया और कहा कि आप अपने पति की मदद के लिए हाई अथॉरिटी के पास क्यों नही गए. आपको अंतरिम जमानत के लिए प्रयास न कर सीधे ऊपर बात करनी थी.'
शोहरत दिलाने की जताई प्रतिबद्धता
अदिति ने कहा, 'फोन करने वाले उसी शख्स ने कहा आपके पति शिवेंद्रर हेल्थ केयर में बेहतरीन काम कर सकते है और कोविड महामारी के दौरान अपना योगदान दे सकते है जो देश के लिए फायदेमंद रहेगा इसलिए हमने इसके लिए कई लेटर्स सरकारी अधिकारियों को भेजे है. फिर मेरे पास तीसरा फोन आया इस बार उस शख्स ने मुझे बोला कि मैं आपका काम करवा दूंगा आपके पति की पूरी मदद करुंगा. उसने ये भी बोला की आप मेरे एक जूनियर के टच में रहना, वो आपसे टेलीग्राम पर संर्पक करेगा और वो जो कहेगा बस आपको वही करना होगा.'
'जमानत करा देने का दावा'
अदिति को फोन करने वाले शख्स ने कहा हम आपके पति को जेल से बाहर लेकर आएंगे ताकि वो कोविड में जनता की मदद कर सके. इतना कहने के बाद उसने जय हिंद कह कर फोन काट दिया. उसी दिन मेरे पास उस शख्स के जूनियर का फोन भी आ गया उस जूनियर ने बोला में लॉ विभाग में लॉ सेकेट्री के नीचे अंडर सेक्रेटरी हूं. जिसके बाद फोन करने वाले दूसरे शख्स ने बोला की पहले आप हमें सीरियसली ले तब हम आपकी मदद करेंगे और ये बात आपके और हमारे बीच रहेगी.
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वन वे कॉलिंग पर हुआ संवाद
पुलिस को दी अपनी शिकायत में अदिति ने ये भी कहा कि इतना भरोसा होने के बाद वो आरोपियों के झांसे में आ गयी. जिसके बाद अब उन लोगों की फोन कॉल्स लंबी होने लगी उन्होंने हमसे हमारी सारी डिटेल ले ली, जिसमें परिवार, कंपनी और हमारे फंड्स की जानकारी शामिल थी. वहीं जिस टेलीग्राम नंबर से मुझे फोन आता था उस पर में काल नही कर सकती थी केवल वही कर सकते थे.
हांगकांग भेजी गई रकम
अदिति ने बताया कि मेरे पास खुद को लॉ सेक्रेट्री बताने वाले शख्स का फोन आया. उसने कहा आपको इसके लिए बड़ी रकम खर्च करनी होगी. इसके साथ उसने मुझे एक नंबर देकर 20 करोड़ की डिमांड की. इसके बाद मैंने अपने दोस्तों से 90 हजार डॉलर लोन लिया और उस पैसे को हांगकांग भेजा. फिर मैंने अपनी ज्वैलरी और FD तोड़ कर और पैसे का इंतजाम किया. मैंने अपना सब कुछ बेचकर करोड़ों रुपए जमा किये और उस कैश की डिलीवरी उन लोगों तक पहुंचाई.
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कौन थी वो संदिग्ध महिला?
अपने साथ हुए करोड़ों के धोखे की कहानी सुनाते हुए अदिति ने आगे कहा, 'ये पैसा एक रोहित नाम का शख्स लेने आता था जो हमेशा एक सिडान कार से आता था. उसके साथ हमेशा एक महिला होती थी जो कार में ही बैठी रहती थी. मैं लगातार पैसे देकर तंग आ गई थी. इसबीच मुझे कहा गया कि कुछ राज्यों के चुनाव के लिए फंडिंग करनी होगी. इसके बाद मुझसे 30 करोड़ रुपये और मांगे गए. उन्होंने कहा हम आपके केस पर पूरा ध्यान दे रहे हैं . आखिर में 100 करोड़ की डिमांड और की गई. इन लोगों ने फिर इमोशनल ब्लैकमेल करना शुरू किया रंगदारी और उगाही का ये सिलसिला अप्रैल 2022 तक चला तब तक मैं दो सौ करोड़ रुपये दे चुकी थी.'
आरोपियों ने धमकाया
अदिति ने कहा कि मुझे ये लोग डराने और धमकाने लगे थे उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा, मैंने जब इन लोगों से मीटिंग करने के लिए बोला तो उन्होंने मना करते हुए कहा कि आपके पति जेल में बंद है हम आपसे कैसे मिल सकते है. हम सरकारी लोग है हमारे प्रोटकाल है. अब मुझे मेरे घर के बाकी लोगों के नंबर्स पर भी फोन आने लगे तो मैं और परेशान हो गई थी. मैं ट्रामा में थी तो मैंने बोला जेल से मेरे पति को अब फौरन बाहर निकालो इतना पैसा आपको दिया तब मुझे आखिर में भगवान का भरोसा दिलाया गया.
21 जून को मुझे 2 सिम कार्ड और दो मोबाइल फोन खरीदने का बोला गया मुझे आदेश दिया गया कि सिम कार्ड किसी और के नाम पर खरीदना. मुझे शक होने लगा था लिहाज़ा अब मैंने इन लोगो के फोन कॉल्स रिकॉर्ड करना शुरू कर दिए थे. इन लोगों ने मेरी बहन से भी पैसा मांगना शुरू कर दिया था. 24 जुलाई 2021 को कॉल करने वाले ने खुद को सरकार का एक बड़ा आदमी बताया और बोला कि मैं आपके पति से जेल में मुलाकात करूंगा फिर जय हिंद बोलकर उसने भी फोन काट दिया. फिर मेरे पास 10 करोड़ की डिमांड का एक फोन और आया.
चार लोकेशन पर हुई कैश डिलीवरी
अदिति ने कहा कि दिल्ली में चार लोकेशन पर मुझसे पैसे लिये गए. मेरे साथ बड़ी धोखाधड़ी हुई है. उन्होंने मुझे पैसे नही देने पर मेरे पति को जेल में मरवा देने और झूठी FIR में फंसाने की धमकी भी दी थी. अदिति की इस शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुकेश चंद्रशेखर पर शिकंजा कसते हुए ये मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक शाखा को ट्रांसफर कर दिया था.