चीन की सीमा पर सुखोई तैनात, अरुणाचल के पासीघाट में बनाया गया एडवांस लैंडिंग ग्राउंड
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चीन की सीमा पर सुखोई तैनात, अरुणाचल के पासीघाट में बनाया गया एडवांस लैंडिंग ग्राउंड

अरणाचल प्रदेश के पासीघाट में आधुनिक लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) का उद्घाटन शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने किया। इस तरह भारत ने चीन की सीमा पर सुखोई तैनात कर दिया है। यहां के पासीघाट में बनाये गए आधुनिक लैंडिंग ग्राउंड पर सुखोई की लैंडिंग हुई।  

चीन की सीमा पर सुखोई तैनात, अरुणाचल के पासीघाट में बनाया गया एडवांस लैंडिंग ग्राउंड

नई दिल्ली: अरणाचल प्रदेश के पासीघाट में आधुनिक लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) का उद्घाटन शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने किया। इस तरह भारत ने चीन की सीमा पर सुखोई तैनात कर दिया है। यहां के पासीघाट में बनाये गए आधुनिक लैंडिंग ग्राउंड पर सुखोई की लैंडिंग हुई।  
 
अब यहां से सुखोई 30 एमकेआई जैसे लड़ाकू विमान उड़ान भर सकते हैं और उतर सकते हैं। इससे चीन से लगी सीमा पर भारत की सैन्य क्षमताओं को और बल मिलेगा। यह एक रणनीतिक महत्व की परिसंपत्ति है और यह सभी प्रकार के विमानों तथा हेलीकॉप्टरों के संचालन में सक्षम ईस्टर्न एयर कमांड के अधीन केंद्रों में शामिल होगा।

वायुसेना ने के मुताबिक एएलजी से परिचालन से न केवल विभिन्न अभियान संबंधी परिस्थितियों में हमारी कार्रवाई के समय में सुधार होगा बल्कि पूर्वी सीमांत क्षेत्र में वायु अभियानों की क्षमता में इजाफा भी होगा। वायुसेना ने कहा कि एएलजी से सेना, अर्धसैनिक बलों और असैन्य प्रशासन की वायु क्षमता बढ़ेगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)

सुखोई की खासियत

-हवा में ही ईंधन भर सकता है।
-फ्यूल खत्म होने के बाद भी 3 घंटे तक हवा में उड़ सकता है।
-इसमें 10 हजार लीटर पानी, फोम एक साथ स्टोर रहता है।
-यह भारत में तैयार किया गया हैलीकॉप्टर है।
-यह भारतीय वायु सेना में एयर एंबुलेंस के रूप में इस्तेमाल होता है।
-इसे 1989 में भारतीय सेना में इस्तेमाल किया गया।
-यह जमीन के साथ पानी में 8 किमी/घंटे से चल सकती है।
-यह जमीन और हवा अलग-अलग जगह टारगेट कर सकते हैं।

 
 

 

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