उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान 24 मार्च से 24 जुलाई के बीच देशभर में 18,03,327 याचिकाएं आईं,
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नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) काल में देशभर की अदालतों में 18 लाख मुकदमें दायर हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Y. V. Chandrachud) ने यह जानकारी देते हुए कहा कि महामारी की वजह से ये मामले मार्च से जुलाई महीने में दायर किए गए हैं.
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान 24 मार्च से 24 जुलाई के बीच देशभर में 18,03,327 याचिकाएं आईं, जिनमें से 7,90,112 का निपटारा किया जा चुका है. सिर्फ महाराष्ट्र की जिला अदालतों में 2,22,431 मामले आए, जिनमें से 61,986 का कोरोना लॉकडाउन के दौरान ही निपटारा किया जा चुका है. जस्टिस चन्द्रचूड़ ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि डिजिटल अदालतों होने के बावजूद भी न्यायिक प्रणाली बाधित नहीं हुई.
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वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकीलों और मुवक्किलों की उन चिंताओं पर विराम लगाया कि डिजिटल अदालतें (Digital Court Room) आने वाले समय में नियमित अदालतों की जगह ले लेंगी. उन्होंने कहा, “संकट के समय न्याय बाधित न हो इसलिए डिजिटल अदालतों की व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन ये कभी भी खुली अदालतों में सुनवाई की जगह नहीं ले सकतीं. जस्टिस चन्द्रचूड़ ने कहा कि ये विशेष उपाय थे जिन्हें बेहद ही अपवादस्वरूप परिस्थितियों में लागू किया गया और धीरे-धीरे हम खुली अदालतों में सुनवाई की तरफ वापस लौटेंगे.
बताते चलें कि देश के पहले ‘ई-गवर्नेंस केंद्र' के डिजिटल उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान जस्टिस चन्द्रचूड़ ने यह बात कही. उन्होंने इस दौरान सभी से नियमित सुनवाई के लिए जाने की अपील करते हुए कहा कि हमें मेडिकल गाइडलाइन का पालन भी करना होगा ताकि वकीलों और मुवक्किलों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके.
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