शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजा गया, बाहुबली ने नीतीश पर निकाली भड़ास
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शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजा गया, बाहुबली ने नीतीश पर निकाली भड़ास

हत्या के एक मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत रद्द किये जाने के बाद राजद के विवादित नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शुक्रवार को 20 दिन बाद वापस सलाखों के पीछे पहुंच गये। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके समर्थक ‘‘उन्हें सबक सिखाएंगे।’ शीर्ष अदालत के आदेश के कुछ घंटों बाद शहाबुद्दीन ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी संदीप कुमार की अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया। 

शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजा गया, बाहुबली ने नीतीश पर निकाली भड़ास

सीवान : हत्या के एक मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत रद्द किये जाने के बाद राजद के विवादित नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शुक्रवार को 20 दिन बाद वापस सलाखों के पीछे पहुंच गये। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके समर्थक ‘‘उन्हें सबक सिखाएंगे।’ शीर्ष अदालत के आदेश के कुछ घंटों बाद शहाबुद्दीन ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी संदीप कुमार की अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया। उनका चेहरा ढका था क्योंकि वे हेलमेट पहनकर एक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठकर अदालत पहुंचे।

शहाबुद्दीन 11 साल जेल में रहने के बाद 10 सितंबर को जेल से बाहर निकले थे।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी माने जाने वाले शहाबुद्दीन ने अदालत परिसर में अपने समर्थकों की तालियों के बीच कहा, ‘मेरे समर्थक अगले चुनाव में उन्हें (कुमार) सबक सिखाएंगे।’ उन्होंने अदालत में पेश होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘मैं उस सच के साथ खड़ा हूं जो मैंने उनके बारे में कहा था (परिस्थितियों के मुख्यमंत्री) मुझे आज सच बोलने में कोई दिक्कत नहीं है।’ 

बिहार सरकार ने शीर्ष अदालत में वर्ष 1996 से 2008 तक सीवान से चार बार के सांसद रहे शहाबुद्दीन की रिहाई का विरोध किया था। सीजेएम अदालत ने आज उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। जिला मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार और पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार के नेतृत्व में जिला पुलिस ने शहाबुद्दीन को हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें सीवान संभागीय जेल ले जाया गया।

इससे पहले डीएम और एसपी के नेतृत्व में जिला प्रशासन शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप उन्हें हिरासत में लेने उनके प्रतापपुर गांव स्थित शहाबुद्दीन के घर पहुंचा लेकिन सफल नहीं हो सका। शहाबुद्दीन उन्हें चकमा देकर हेलमेट पहनकर मोटरसाइकिल के पीछे वाली सीट पर बैठकर सीवान अदालत पहुंचे और उन्होंने आत्मसमर्पण किया।

अदालत में शहाबुद्दीन की मौजूदगी की खबर फैलते ही वहां बड़ी संख्या में उनके समर्थक एकत्रित हो गये। राजद नेता के खिलाफ 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह बीते 10 सितंबर को ही भागलपुर जेल से रिहा हुए थे। पटना उच्च न्यायालय ने सात सितंबर को उनकी जमानत मंजूर की थी। यह मामला 2014 में राजीव रोशन की हत्या से जुड़ा है जो दस साल पहले सीवान में तेजाब डालकर उनके दो भाइयों की बर्बर हत्या के मामले में गवाह थे।

उच्चतम न्यायालय द्वारा उनकी जमानत रद्द करने के आदेश के बारे में पूछे जाने पर शहाबुद्दीन ने कहा कि वह न्यायपालिका का सम्मान करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं न्यायिक फैसले पर क्या कह सकता हूं। मेरे वकील इस पर बोल सकते हैं।’ उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद आज सीवान में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। सीवान में मारे गए तीन भाइयों के पिता के आवास तथा अन्य संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।

मारे गये भाइयों के पिता चंदेश्वर प्रसाद ने न्याय दिलाने पर हाथ जोड़कर शीर्ष अदालत का आभार प्रकट किया। उनकी बीमार पत्नी कलावती देवी ने भी न्याय देने के लिए उच्चतम न्यायालय का आभार प्रकट किया।

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