नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या (Vijay Mallya) की एक पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा. बता दें कि माल्या ने कोर्ट के एक आदेश की अवहेलना करते हुए 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने बच्चों के नाम ट्रांसफर कर दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मई 2017 में उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था.


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गुरुवार को याचिका पर हुई थी अंतिम सुनवाई
कोर्ट के इस फैसले के बाद माल्या ने अदालत में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल कराई थी, जिसपर जस्टिस यूयू ललित और अशोक भूषण की बैंच ने गुरुवार (27 अगस्त) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और सोमवार को फैसला सुनाने की बात कही थी. इस दौरान कोर्ट ने बताया था कि विजय माल्या के खिलाफ दो बड़े आरोप हैं, जिसमें पहला है कि उसने अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं किया और दूसरा संपत्तियों को गलत तरीके से छिपाने की कोशिश की.


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मामला सूचीबद्ध होने में लग गया 3 साल का समय
बता दें कि इस मामले में न्यायालय ने जून में अपनी रजिस्ट्री को यह बताने के लिए कहा था कि बीते तीन साल में माल्या की पुनर्विचार याचिका को संबंधित अदालत के समक्ष सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया. उसने रजिस्ट्री को बीते तीन साल में याचिका से संबंधित फाइल को देखने वाले अधिकारियों के नामों समेत सभी जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा था. 


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एक याचिका में हुआ था 4 करोड़ के लेन-देन का खुलासा
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह की याचिका पर एक आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि माल्या ने कथित रूप से विभिन्न न्यायिक आदेशों का 'खुलेआम उल्लंघन' कर ब्रिटिश कंपनी डियाजियो से प्राप्त चार करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने बच्चों के खातों में स्थानांतरित किए थे. आपको बताते चलें कि 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बैंक कर्ज और धोखाधड़ी मामले में आरोपी माल्या फिलहाल ब्रिटेन में छिपा बैठा है. 


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