Single Mother Children: सिंगल मदर के बच्चों के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट जारी करने के नियमों में अमेंडमेंट की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है.
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Single Mother Children: सिंगल मदर के बच्चों के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट जारी करने के नियमों में अमेंडमेंट की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने राज्यों से विशेष रूप से यह स्पष्ट करने को कहा कि अंतरजातीय विवाह के मामले में क्या होता है. यह याचिका दिल्ली की एक महिला ने दायर की है.
याचिका में की गई ये मांग
याचिका में मांग की गई थी कि एकल माताओं की ओबीसी स्थिति के आधार पर सर्टिफिकेट जारी किए जाएं. जबकि, मौजूदा दिशा-निर्देश पैतृक वंश के आधार पर ओबीसी प्रमाण-पत्र प्रदान करते हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि इससे संगल मदर को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.जस्टिस केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एनके सिंह की बेंच ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि एक तलाकशुदा महिला को अपने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र के लिए अपने पति से संपर्क क्यों करना पड़ता है?
22 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
एकल महिलाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वे कोई अतिरिक्त सुझाव भी पेश करें जो वे देना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अब मामले की अंतिम सुनवाई 22 जुलाई के लिए मुकर्रर की है. कोर्ट इसी तारीख को ही ओबीसी समुदाय की एकल महिलाओं के बच्चों को प्रमाण पत्र देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने पर विचार करेगी.
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर पहले ही हलफनामा दाखिल कर याचिकाकर्ता का पक्ष लिया है. हालांकि, उसने सुप्रम कोर्ट को बताया कि राज्यों से जवाब की जरूरत होगी, क्योंकि वे ऐसे दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए जिम्मेदार हैं. कोर्ट ने कहा कि एससी/एसटी समुदाय के लिए इस तरह के दिशानिर्देश जारी करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट का फैसला पहले ही आ चुका है. कोर्ट ने कहा कि याचिका में सिंगल मदर्स के बच्चों को ओबीसी प्रमाण पत्र देने का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया है.