CJI BR Gavai: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट में मौखिक टिप्पणियों को लेकर आज बड़ी बात कह दी. साथ ही इसे सोशल मीडिया पर गलत तरह से पेश किए जाने पर चिंता व्यक्त की.
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Supreme Court: CJI पर हुए हमले की कोशिश से पूरा देश शर्मिंदा है. इस हमले को लेकर पीएम मोदी ने कहा इससे पूरा देश गुस्से से भरा है. इस घटना के बाद आज सुप्रीम कोर्ट में बोलते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने अदालती कार्यवाही के दौरान जजों के द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किए जाने के लेकर चिंता व्यक्त की. साथ ही कहा कि आजकल सोशल मीडिया में पता नहीं चलता कि क्या रिपोर्ट होगा.
क्या बोले CJI
इस दौरान एक किस्सा शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे भाई जस्टिस विनोद चंद्रन उनसे कुछ कहना चाहते थे लेकिन मैनें इसलिए मना कर दिया कि सोशल मीडिया पर लोग उसका गलत मतलब निकाल लेते हैं. साथ ही कहा मैंने अपने भाई से अनुरोध किया कि इसे केवल मेरे कानों तक ही सीमित रखें. उस दौरान सीजेआई और न्यायमूर्ति चंद्रन की पीठ अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ द्वारा न्यायिक अधिकारियों की सेवा शर्तों, वेतनमान और करियर प्रगति से संबंधित मुद्दों पर दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
हमले की हुई थी कोशिश
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर हमला करने की कोशिश थी. यह ड्रामा तब हुआ था जब CJI की अगुवाई वाली बेंच वकीलों द्वारा मामलों के उल्लेख पर सुनवाई कर रही थी. वकील मंच के पास गया और अपना जूता निकालकर जज पर फेंकने की कोशिश की. हालांकि, अदालत में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते हस्तक्षेप किया और वकील को बाहर निकाल दिया.
रद्द हुआ लाइसेंस
इस हमले के बाद वकील राकेश किशोर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया और अंतरिम निलंबन आदेश जारी करते हुए, बीसीआई के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि वकील का आचरण प्राइमा फेसी कोर्ट की गरिमा के साथ असंगत था. यह अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत पेशेवर नैतिकता का उल्लंघन करता है. आदेश में कहा गया कि प्राइमा फेसी मैटेरियल के आधार पर ऐसा मालूम होता है कि 6 अक्टूबर 2025 को सुबह करीब 11:35 बजे भारत के सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में आपने अपने स्पोर्ट्स शूज उतारे और चल रही कार्यवाही के दौरान चीफ जस्टिस की ओर फेंकने का प्रयास किया. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने व्यवधान के दौरान संयम बनाए रखा और अदालत कक्ष से कहा इससे विचलित न हों.