सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस और बीडीएस के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए देश भर में एक ही साझा प्रवेश परीक्षा ‘राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा’ (एनईईटी) इसी अकादमिक सत्र यानी 2016-17 से आयोजित करने का रास्ता आज साफ कर दिया। यह परीक्षा दो चरणों में होगी जिसमें इस साल 6.5 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की संभावना है।
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नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस और बीडीएस के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए देश भर में एक ही साझा प्रवेश परीक्षा ‘राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा’ (एनईईटी) इसी अकादमिक सत्र यानी 2016-17 से आयोजित करने का रास्ता आज साफ कर दिया। यह परीक्षा दो चरणों में होगी जिसमें इस साल 6.5 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की संभावना है।
उच्चतम न्यायालय ने एक मई को होने वाली अखिल भारतीय प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) को एनईईटी-1 मानते हुए केंद्र, सीबीएसई और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की ओर से अपने समक्ष रखे गए कार्यक्रम को मंजूरी दे दी । जिन छात्रों ने एआईपीएमटी के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें 24 जुलाई को एनईईटी-दो में शामिल होने का मौका दिया जाएगा और दोनों परीक्षा के नतीजे 17 अगस्त को जारी किए जाएंगे ताकि दाखिला प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी हो सके।
यह आदेश सभी सरकारी कॉलेजों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और निजी मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगा। ये सभी एनईईटी के दायरे में आएंगे। इनमें से जिन संस्थानों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं हो चुकी हैं या अलग से होनी है, उन्हें रद्द माना जाएगा। सभी अनिश्चितताएं दूर करने वाला यह आदेश तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और एसोसिएशन ऑफ कर्नाटक मेडिकल कॉलेजेज के अलावा सीएमसी वेल्लोर जैसी अल्पसंख्यक संस्थाओं की ओर से एनईईटी आयोजित करने के विरोध को खारिज करते हुए पारित किया गया । उनकी दलील थी कि उन पर एनईईटी थोपा नहीं जाना चाहिए ।