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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Real Estate Company Supertech) को इसके दो 40 मंजिला टावरों (Twin Towers Project) के विध्वंस के कारण प्रभावित हुए घर खरीददारों को पैसे रिफंड (Money Refund) करने को कहा है. जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (Justice D.Y. Chandrachud) और बेला एम. त्रिवेदी (Bela M. Trivedi) ने कहा कि सुपरटेक को 28 फरवरी तक घर खरीददारों को पूरा रिफंड करना चाहिए, जिन्होंने अवमानना याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अन्य घर खरीददार जो अदालत में नहीं हैं उन्हें एक सप्ताह के भीतर संपर्क करना चाहिए.
शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने न्याय मित्र अधिवक्ता (Advocate) गौरव अग्रवाल द्वारा अवमानना याचिका दायर करने वाले घर खरीददारों को धन वापसी के लिए प्रस्तुत गणना रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. मामले में विस्तृत दलीलें (Detailed Arguments) सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने रियल एस्टेट कंपनी (Real Estate Company) को घर खरीददारों और न्याय मित्र को भुगतान के तौर-तरीकों को सुलझाने के लिए एक साथ बैठने को कहा.
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शीर्ष अदालत ने कहा कि न केवल उन लोगों ने अवमानना याचिका (Contempt Petition) दायर करने वाले घर खरीददारों के साथ संपर्क किया बल्कि सभी घर खरीददारों (Home Buyers) को पिछले साल पारित 31 अगस्त के फैसले के अंतर्गत लाया है और उन्हें मुआवजे का भुगतान (Payment Of Compensation) किया जाना चाहिए. 12 जनवरी को शीर्ष अदालत ने रियल एस्टेट फर्म को घर खरीददारों को रिफंड का भुगतान न करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी, जिन्होंने दो 40-मंजिला टावरों में फ्लैटों का भुगतान किया था.
घर खरीददारों द्वारा अवमानना याचिका दायर (Contempt Petition Filed) की गई थी, जिन्होंने दो 40 मंजिला टावरों में फ्लैटों (Flats) के लिए भुगतान (Payment) किया था. घर खरीददारों ने आरोप लगाया है कि सुपरटेक ने उन्हें रिफंड लेने के लिए बुलाया था, हालांकि बाद में उन्हें बताया गया कि कुछ कटौतियों (Deductions) सहित किश्तों (Installments) में भुगतान किया जाएगा. घर खरीददारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि घर खरीददार धन वापसी में देरी से व्यथित हैं और यह भी कहा कि अदालत के आदेश में किसी भी कटौती का उल्लेख नहीं किया गया है.
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17 जनवरी को सुपरटेक का प्रतिनिधित्व (Representation) करने वाले वकील ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि रियल एस्टेट फर्म ने पैसा तैयार किया है जो प्रत्येक घर खरीददार को दिया जाना है. वकील ने घर खरीदने वालों से कहा कि वे अपना आरटीजीएस विवरण (RTGS Details) दें और ट्रांसफर मनी (Transfer Money) की जाएगी. नौ घर खरीददारों की ओर से पेश अधिवक्ता सुमित अग्रवाल ने कहा कि सुपरटेक केवल उन घर खरीददारों को भुगतान कर रहा है जिन्होंने शीर्ष अदालत (Supreme Court) में अवमानना याचिका दायर की है.
अपने 31 अगस्त के फैसले (Verdict) में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावरों को ध्वस्त (Supertech Twin Towers Demolished In Noida) करने का आदेश (Order) दिया था और कंपनी को इन टावरों में फ्लैट खरीददारों (Flat Buyers) को पैसे वापस करने का भी निर्देश दिया था.
(इनपुट - आईएएनएस)
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