Supreme Court pauses release of from job woman SSC officers: ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा रहीं महिला अधिकारियों को जॉब से निकाला क्यों जा रहा है. आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी अधिकारियों की वीरता को सलाम किया है और जॉब नहीं जाने देने की बात कही है. जानें पूरा मामला.
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Supreme Court On women SSC officers: सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर वायुसेना की महिला अधिकारियों के हक में बड़ा फैसला सुनाया है. इस बार विंग कमांडर कविता भट्टी को राहत देते हुए कोर्ट ने सरकार को साफ निर्देश दिया है कि उन्हें अभी नौकरी से न हटाया जाए. कविता ने स्थायी कमीशन (पर्मानेंट कमीशन) की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस मामले में एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर अब 6 अगस्त को सुनवाई होगी. उस दिन कविता की अर्जी के साथ-साथ उन अन्य महिला अधिकारियों की याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी, जिन्होंने स्थायी कमीशन न मिलने के सरकार के फैसले को चुनौती दी है.
महिला अधिकारियों के जज्बे को सलाम
पिछली सुनवाई के दौरान SC ने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन बालाकोट में शामिल रक महिला एयर फोर्स अधिकारी की याचिकाए पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिया था उन्हें नौकरी से न हटाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि इन अधिकारियों ने संकट के वक़्त शानदार काम किया है. जिस तरह का समन्वय हमारी सेना ने दिखाया है, वो सराहनीय है. इसलिए हम उन्हें हमेशा सलाम करते है. अभी की स्थिति को देखते हुए उन्हें सर्विस से न हटाया जाए.
क्या है पूरा मामला?
पिछले कुछ समय से वायुसेना की कई महिला अधिकारी स्थायी कमीशन की मांग कर रही हैं. ये वो बहादुर महिलाएं हैं, जिन्होंने न सिर्फ देश की सेवा की, बल्कि मुश्किल हालातों में भी शानदार प्रदर्शन किया है. विंग कमांडर कविता भट्टी और अन्य महिला अधिकारियों की मांग है कि उन्हें पुरुष अधिकारियों की तरह ही स्थायी कमीशन दिया जाए. अभी तक वायुसेना में महिलाओं को ज्यादातर शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के तहत भर्ती किया जाता है, जिसमें उनकी सेवा की अवधि सीमित होती है. लेकिन ये महिलाएं चाहती हैं कि उन्हें भी स्थायी नौकरी का मौका मिले, ताकि वे लंबे समय तक देश की सेवा कर सकें.
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इन महिला अधिकारियों के लिए एक बड़ी उम्मीद की किरण है. सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ है कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक इन अधिकारियों को नौकरी से नहीं हटाया जाएगा. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आखिर इन बहादुर महिलाओं को स्थायी कमीशन क्यों नहीं दिया जा रहा? अब सबकी नजर 6 अगस्त की सुनवाई पर टिकी है, जब कोर्ट इस मामले में आगे का रास्ता तय करेगा.