कोरोना मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक, डेडबॉडी के साथ रहने को मजबूर: SC
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कोरोना मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक, डेडबॉडी के साथ रहने को मजबूर: SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम शवों से ज़्यादा ज़िंदा लोगों के इलाज पर चिंतित हैं. टेस्ट की संख्या भी कम कर दी गई है.

कोरोना मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक, डेडबॉडी के साथ रहने को मजबूर: SC

नई दिल्‍ली: कोविड 19 के मरीजों के उचित इलाज और बीमारी से मरने वालों के शव को अस्पतालों में गरिमापूर्ण तरीके से रखे जाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में हुई. सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि शवों को हैंडल करने पर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम शवों से ज़्यादा ज़िंदा लोगों के इलाज पर चिंतित हैं. टेस्ट की संख्या भी कम कर दी गई है. दिल्ली में बहुत कम टेस्ट हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट से हमें मरीजों की दुर्दशा की जानकारी मिली. उनको शव के साथ रहना पड़ रहा है. ऑक्सीजन जैसी सुविधा नहीं मिल रही. लोग मरीज़ को लेकर इधर-उधर भाग रहे हैं जबकि सरकारी अस्पताल में बिस्तर खाली हैं. 

कोर्ट ने कहा कि 15 मार्च को शवों को हैंडल करने पर केंद्र ने दिशानिर्देश जारी किया. इसका पालन नहीं हो रहा. दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और प.बंगाल में इलाज को लेकर हालात सबसे ज़्यादा खराब है. इन राज्यों को नोटिस जारी किया जाता है. दिल्ली के LNJP हॉस्पिटल को अलग से नोटिस जारी किया गया. 17 जून को मामले की अगली सुनवाई होगी. 

SG ने कहा कि कुछ चौंकाने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मरीज मर रहे हैं लेकिन उनको देखने वाला कोई नहीं है. कोरोना के मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर बर्ताव किया जा रहा है एक मामले में मरीज की बॉडी कूड़े में मिली.

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(इनपुट: सुमित कुमार के साथ)

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