मरीना बीच पर अंतिम संस्कार पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार
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मरीना बीच पर अंतिम संस्कार पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

करुणानिधि के बुधवार को निधन के बाद DMK नेताओं की मांग थी कि शीर्ष नेता को मरीना बीच पर दफनाया जाए. लेकिन, सरकार ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया था. 

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने के विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता ट्रैफिक रामा स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. सु्प्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने रामा स्वामी से कहा कि आप पहले याचिका दाखिल करें फिर मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के सामने मामले की जल्द सुनवाई की मांग करें.

  1. मरीना बीच पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार को लेकर उपजा था विवाद
  2. डीएमके इस मामले को लेकर मद्रास हाईकोर्ट पहुंची, रात में हुई सुनवाई
  3. ट्रैफिक रामास्वामी ने मरीना बीच पर अंतिम संस्कारों पर रोक लगाने की अपील दायर की

करुणानिधि के बुधवार को निधन के बाद डीएमके नेताओं की मांग थी कि शीर्ष नेता को मरीना बीच पर दफनाया जाए. लेकिन, सरकार ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया. सरकार ने इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री सी. राजगोपालचारी और के. कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की पेशकश की. मामला अदालत में पहुंच गया. मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार रात को इस मामले में सुनवाई की. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के विरोध को खारिज कर दिया और करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर ही दफनाने का आदेश दिया.

राज्य सरकार का डीएमके की मांग नहीं मानने के पीछे तर्क यह था कि करुणानिधि को अन्ना स्क्वेयर पर जगह नहीं दी जा सकती क्योंकि वहां केवल वर्तमान मुख्यमंत्रियों को जगह दी जाती है और करुणानिधि पूर्व मुख्यमंत्री हैं. उल्लेखनीय है कि बीते कुछ समय से बीमार चर रहे 94 वर्षीय एम. करुणानिधि का मंगलवार को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया था.

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