हद पार कर रही है ED... सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लगाई फटकार? जांच पर भी लगा दी रोक
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हद पार कर रही है ED... सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लगाई फटकार? जांच पर भी लगा दी रोक

Supreme Court: तमिलनाडु सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाई है. तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच और छापेमारी पर रोक लगा दी है.

हद पार कर रही है ED... सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लगाई फटकार? जांच पर भी लगा दी रोक

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को बड़ी फटकार लगाई है. तमिलनाडु सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी सभी सीमाएं लांघ रहा है. कोर्ट ने आज तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच और छापेमारी पर रोक लगा दी है और सीजेआई ने कहा आप देश के संघीय ढांचे का पूरी तरह उल्लंघन कर रहे हैं.

दी गई थी चुनौती
दरअसल, भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह की बेंच तमिलनाडु राज्य और TASMAC द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इसमें TASMAC मुख्यालय पर ईडी द्वारा की गई तलाशी के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने को चुनौती दी गई थी. 

किया गया था परेशान
बीते 23 अप्रैल को उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने तमिलनाडु राज्य और TASMAC द्वारा ED द्वारा उसके मुख्यालय की तलाशी को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इस याचिका में था कि चेन्नई में राज्य एजेंसी के मुख्यालय में तलाशी के दौरान ED द्वारा उसके कर्मचारियों और अधिकारियों को परेशान किया गया था. पीठ ने कहा कि सबूतों को नष्ट होने से बचाने के लिए छापे और औचक निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों को हिरासत में लेना एक प्रक्रिया का मामला है. 

क्या है मामला
ईडी ने Tasmac पर 1,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप लगाया है. जिसमें डिस्टिलरी ने शराब की आपूर्ति के ऑर्डर हासिल करने के लिए कैश दिया. जब छापेमारी की गई तो पहले Tasmac ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हालांकि मद्रास हाईकोर्ट ने ईडी की जांच को आगे बढ़ने की अनुमति दी, जिसके बाद तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन ने आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया. 

क्या बोले एडवोकेट
इस मामले को लेकर राज्य के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य ने स्वयं 2014-21 से भ्रष्टाचार के आरोपों पर शराब आउटलेट संचालकों के खिलाफ 41 प्राथमिकी दर्ज की हैं. हालांकि, ईडी ने 2025 में इस मामले में प्रवेश किया और मुख्यालय पर छापा मारा और अधिकारियों के फोन और डिवाइस ले लिए. इस बिंदु CJI गवई ने ASG से पूछा कि निगम के खिलाफ अपराध कैसे बनाया गया. आप व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकते हैं, लेकिन निगम के खिलाफ आपराधिक मामला? आपका ईडी सारी हदें पार कर रहा है? इसके बाद जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. 

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