दिल्ली में ठोस कचरे की गंभीर समस्या से निपटने के लिए उपराज्यपाल बनाएं समिति : SC
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दिल्ली में ठोस कचरे की गंभीर समस्या से निपटने के लिए उपराज्यपाल बनाएं समिति : SC

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ से कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से चर्चा के बाद न्यायालय को इससे अवगत कराएंगी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 'ठोस कचरे को बहुत बड़ी समस्या' बताते हुए शुक्रवार को उपराज्यपाल से कहा कि इस मसले से निबटने के लिए समिति गठित की जाए. जस्टिस मदन बी लोकूर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने इस समस्या से निबटने में दिल्ली की जनता के सहयोग पर जोर दिया और कहा कि उपराज्यपाल को समिति गठित करनी चाहिए, जिसमें इस क्षेत्र के विशेषज्ञों, सिविल सोसायटी और रेजिडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशनों के सदस्यों को शामिल करना चाहिए. समिति को गाजीपुर, ओखला और भलस्वा के लैंडफिल स्थानों की सफाई से संबंधित मुद्दों पर भी विचार करना चाहिए.

मामले की सुनवाई 27 के लिए स्थगित 
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ से कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से चर्चा के बाद न्यायालय को इससे अवगत कराएंगी. इस पर पीठ ने ठोस कचरे के निष्पादन से संबंधित मामले की सुनवाई 27 अगस्त के लिए स्थगित कर दी. शीर्ष अदालत ने इस महीने के प्रारंभ में तल्ख लहजे में कहा था कि कचरों के पहाड़ की वजह से दिल्ली 'आपात स्थिति' का सामना कर रही है. इससे पहले, उपराज्यपाल ने न्यायालय से कहा था कि उनका कार्यालय नियमित रूप से कचरा निष्पादन योजनाओं की निगरानी और स्थानीय निकायों की कार्रवाई की समीक्षा कर रहा है.

न्यायालय ने राजधानी में 2005 में डेंगू के कारण सात वर्षीय बच्चे की मृत्यु की घटना का संज्ञान लिया था. इस मामले में पांच निजी अस्पतालों ने इस बच्चे का उपचार करने से कथित रूप से इंकार कर दिया था और संतान की मृत्यु से व्यथित होकर उसके माता पिता ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले पर विचार के दौरान ही राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या का मुद्दा भी उसके समक्ष उठा था.

(इनपुट एजेंसी से)

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