Supreme Court on Kota Suicide Case: राजस्थान के कोटा में लगातार छात्रों की खुदकुशी से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जमकर लताड़ा और कहा कि हल्के में ना लें.
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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि छात्र कोटा में ही क्यों खुदकुशी कर रही हैं. अदालत ने पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं. कोटा देश का एक बड़ा कोचिंग हब माना जाता है, जहां हर साल लाखों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए आते हैं.
कोर्ट को बताया गया कि इस साल अब तक कोटा में 14 छात्रों ने आत्महत्या की है. इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने इसे बहुत गंभीर मुद्दा बताया और मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से अब तक की कार्रवाई की पूरी जानकारी मांगी.
जस्टिस पारदीवाला ने राज्य सरकार के वकील से सख्त सवाल करते हुए पूछा,'आप एक राज्य होने के नाते क्या कर रहे हैं? ये बच्चे खुदकुशी क्यों कर रहे हैं और वो भी सिर्फ कोटा में? क्या आपने इस पर गंभीरता से विचार किया?' सुप्रीम कोर्ट दो छात्रों की आत्महत्या के मामले की सुनवाई कर रहा था. एक IIT खड़गपुर का छात्र और दूसरा कोटा में नीट की तैयारी कर रहा छात्र.
कोर्ट ने पाया कि कोटा वाले मामले में अब तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है, जिस पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की और कहा,'आप हमारे पिछले फैसला की अवहेलना कर रहे हैं.' अदालत ने पूछा कि FIR दर्ज करने में चार दिन की देरी क्यों हुई? कोर्ट ने वॉर्निंग दी कि यह बहुत गंभीर मामला है और इसे हल्के में न लें. सुप्रीम कोर्ट ने कोटा के एक पुलिस अधिकारी को 14 जुलाई को तलब किया है, ताकि वह बताएं कि FIR दर्ज क्यों नहीं की गई.
कोर्ट ने अपने 24 मार्च के फैसले का भी जिक्र किया, जिसमें छात्रों की दिमागी सेहत के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स बनाने का आदेश दिया गया था, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. कोर्ट ने आखिर में कहा कि वह इस पर सख्त रुख अपना सकता है लेकिन फिलहाल वह संयम बरत रहा है.