दिल्ली-केन्द्र के अधिकारों पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट करेगा Aadhaar मामले पर विचार
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दिल्ली-केन्द्र के अधिकारों पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट करेगा Aadhaar मामले पर विचार

शीर्ष अदालत ने 30 अक्तूबर को कहा था कि आधार के खिलाफ दायर याचिकाओं पर नवंबर के अंतिम सप्ताह में सुनवाई शुरू करेगी.

उच्चतम न्यायालय.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार (27 नवंबर) को कहा कि वह दिल्ली-केन्द्र में अधिकारों को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई पूरी करने के बाद कल्याणकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिये आधार को अनिवार्य बनाने के केन्द्र के कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिये नयी संविधान पीठ गठित करने पर विचार कर सकता है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से केन्द्र सरकार ने कहा कि वह विभिन्न योजनाओं के लाभ के लिये आधार को जोड़ने की अनिवार्यता के लिये निर्धारित समय सीमा पहले की शर्तों पर अगले साल 31 मार्च तक बढ़ाने के लिये तैयार है.

पीठ याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान की इस दलील से सहमत नहीं हुयी कि पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होने तक के लिये आधार की अनिवार्यता पर अंतिरम रोक लगायी जाये. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इस दलील का विरोध करते हुये कहा कि ‘राष्ट्रीय महत्व’ के ऐसे मामले में कोई अंतिरम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि अंतरिम आदेश भी सिर्फ संविधान पीठ ही पारित कर सकती है. पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों से कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली आप सरकार की अपीलों पर संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई पूरी होने पर इस मामले का उल्लेख करें. इस समय संविधान पीठ उपराज्यपाल को दिल्ली का प्रशासनिक मुखिया करार देने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है.

पीठ ने कहा कि संविधान पीठ पहले तो इस पहलू पर विचार करेगी कि क्या कोई अंतरिम आदेश दिया जा सकता है. शीर्ष अदालत ने 30 अक्तूबर को कहा था कि आधार के खिलाफ दायर याचिकाओं पर नवंबर के अंतिम सप्ताह में सुनवाई शुरू करेगी. हाल ही में नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि निजता का अधिकार भी संविधान के अंतर्गत मौलिक अधिकार है.

इस बीच, केन्द्र ने 25 अक्तूबर को न्यायालय को सूचित किया था कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आधार से जोड़ने की अनिवार्यता के लिये निर्धारित समय सीमा उन लोगों के लिये 31 मार्च 2018 तक बढ़ायी जा सकती है जिनके पास 12 अंकों वाली बायोमेट्रिक पहचान संख्या नहीं है और वे इसके लिये पंजीकरण कराना चाहते हैं.

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