जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में गवाहों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 16 मई को सुनवाई करेगा.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में गवाहों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 16 मई को सुनवाई करेगा. इन गवाहों का आरोप है कि पुलिस उन्हें परेशान कर रही है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को साहिल शर्मा और दो अन्य की याचिका का उल्लेख किया गया. ये दोनों किशोर आरोपी के कॉलेज के दोस्त हैं. पीठ इस मामले में बुधवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई है.
पुलिस डाल रही है दबाव
इन गवाहों की याचिका के अनुसार वे पहले ही पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान दर्ज करा चुके हैं. इन तीनों ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में कहा था कि उन्होंने डर की वजह से पुलिस को बयान दिया था. याचिका में आरोप लगाया गया कि राज्य पुलिस अब उन्हें दोबारा पेश होने और फिर से बयान दर्ज कराने के लिए कह रही है और उनके परिवारों पर दबाव डाल रही है.
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शीर्ष अदालत ने सात मई को कठुआ मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर पंजाब में पठानकोट स्थानांतरित कर दिया था.
क्या है कठुआ गैंगरेप मामला
10 जनवरी को कठुआ बकरवाल समुदाय के एक परिवार की आठ साल की बच्ची अचानक गायब हो गई थी. उसके लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवाई गई थी. चार्जशीट के मुताबिक, आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया था. बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखा गया था. उसे बेहोश रखने के लिए नशे की दवाइयां दी गईं.
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17 जनवरी को झाड़ियों में बच्ची का शव पाया गया था. मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टी हुई. बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी सांजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. कठुआ गैंगरेप केस: पढ़ें आरोपियों ने कैसे दिया पूरी वारदात को अंजाम
(इनपुट एजेंसी से)