संविधान से ‘India’ हटाकर सिर्फ भारत और हिंदुस्तान नाम रखें, याचिका पर बुधवार को SC में सुनवाई
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संविधान से ‘India’ हटाकर सिर्फ भारत और हिंदुस्तान नाम रखें, याचिका पर बुधवार को SC में सुनवाई

याचिका पर 2 मई (मंगलवार) को ही सुनवाई होने वाली थी, हालांकि चीफ जस्टिस के न आने के कारण सुनवाई को टाल दिया गया. 

सुप्रीम कोर्ट में 3 मई को होगी सुनवाई

नई दिल्ली: संविधान में देश का नाम इंडिया (India) से बदलकर भारत (Bharat) रखे जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 3 मई को सुनवाई करेगा. इस याचिका पर 2 मई (मंगलवार) को  ही सुनवाई होने वाली थी, हालांकि चीफ जस्टिस के न आने के कारण सुनवाई को टाल दिया गया. 

याचिकाकर्ता का कहना है कि इंडिया शब्द से अंग्रेजों की गुलामी झलकती है जो कि भारत की गुलामी दिखाता है. इसलिए इस इंडिया शब्द की बजाय भारत या हिंदुस्तान का इस्तेमाल होना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि संविधान के पहले अनुच्छेद में लिखा है कि इंडिया यानी भारत. लेकिन आपत्ति यह है कि जब देश एक है तो उसके दो नाम क्यों है? एक ही नाम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाए.

याचिका में दावा किया गया है कि ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ शब्द हमारी राष्ट्रीयता के प्रति गौरव का भाव पैदा करते हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट से सरकार को संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन के लिए उचित कदम उठाते हुए ‘इंडिया’ शब्द को हटाकर, देश को ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ कहने का निर्देश देने की मांग की गई है. 

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याचिका में आगे कहा गया है कि संविधान में यह संशोधन इस देश के नागरिकों की औपनिवेशिक अतीत से मुक्ति सुनिश्चित करेगा. इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने 1948 में संविधान सभा में संविधान के तत्कालीन मसौदे के अनुच्छेद एक पर हुई चर्चा का हवाला भी दिया है. जिसमें उस समय देश का नाम ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ रखने की बात कही गई थी.

याचिका में कहा गया है कि  अंग्रेजी नाम बदलना सांकेतिक लगता हो लेकिन इसे भारत शब्द से बदलना हमारे पूर्वजों के स्वतंत्रता संग्राम को न्यायोचित ठहराएगा, यह उचित समय है कि देश को उसके मूल और प्रमाणिक नाम ‘भारत’ से जाना जाए.

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