NRC लिस्ट में शामिल 40 लाख लोगों पर नहीं होगी कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट
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NRC लिस्ट में शामिल 40 लाख लोगों पर नहीं होगी कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि जिन 40 लाख लोगों के नाम असम NRC में नहीं है उनके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि अभी अंतिम NRC नहीं बल्कि Draft NRC है. 

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में 40 लाख लोगों का नाम नहीं होने के मुद्दे को अमानवीय करार दिया.

नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि जिन 40 लाख लोगों के नाम असम NRC में नहीं है उनके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि अभी अंतिम NRC नहीं बल्कि Draft NRC है. असम NRC की राज्य  समन्वयक ने कहा कि वे 40 लाख नामों नहीं मानते हैं. उन्होंने 37.59 लाख नामों को NRC में माना है. उन्होंने 2.48 लाख नामों को NRC नाम में माना है. NRC समन्यवयक ने बताया कि लोगों को 7 अगस्त तक उनके NRC में नाम न आने के कारण बताए जाएंगे. उन्होंने बताया कि NRC रजिस्टर की लिस्ट में जिन लोगों का नाम नहीं है, ऐसे लोग अपनी नागरिकता को लेकर दावा 30 अगस्त से 28 सितंबर के बीच लोकल रजिस्ट्रार के समक्ष कर सकते हैं.

सुनवाई में कोर्ट ने NRC समन्वयक से SOP (standard operating procedure) को लेकर सवाल पूछे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों का दूसरे ड्राफ्ट में नाम नहीं है. उन्हें अपना दावा प्रस्तुत करने का मौका मिलना चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि लोगों के सत्यापन में किस तरह की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. यह जानकारी कोर्ट को दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि असम के एनआरसी के संबंध में दावों और आपत्तियों को देखने के लिए वह मानक संचालन प्रक्रिया बनाए. कोर्ट ने कहा कि असम की राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में जिन लोगों के नाम नहीं हैं उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए क्योंकि अभी यह सिर्फ मसौदा ही है. उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को 16 अगस्त से पहले मानक संचालन प्रक्रिया मंजूरी के लिए पेश करने का निर्देश देते हुये कहा कि सूची से बाहर रखे गये लोगों को अपने दावे पेश करने के लिए पूरा मौका देना चाहिए.

इससे पहले असम में एनआरसी के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद एक बजकर करीब 15 मिनट पर दिन भर के लिये स्थगित कर दिया गया.

एनआरसी में नाम आने वालों के पक्ष में उतरी ममता
असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में 40 लाख लोगों का नाम नहीं होने के मुद्दे को अमानवीय करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने आज कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर संशोधन विधेयक लाने की मांग करती है ताकि लाखों लोगों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता बंदोपाध्याय ने बातचीत में कहा, ‘हमारी नेता ममता बनर्जी दिल्ली में हैं. वे इस मुद्दे पर गृह मंत्री से मुलाकात करेंगी और इस विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगी.’ यह पूछे जाने पर कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा है कि एनआरसी की सूची अंतिम नहीं है तथा लोगों को अभी और मौका मिलेगा, तृणमूल नेता ने कहा कि यह कैसे संभव है कि 40 लाख लोगों का इंटरव्यू 28 दिनों में पूरा कर लिया जाए. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि संसद में एक संशोधन विधेयक लाया जाए.

सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि असम में जो हो रहा है, वह अमानवीय है और ऐसा नहीं होने दिया जायेगा. यह एक तरह की भावना से प्रेरित हो कर किया जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जायेगी, उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के प्रति काफी सम्मान प्रकट करते हुए हम कहना चाहते हैं कि बेहतर होगा कि इस विषय का निपटारा संसद में हो. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों की राय इस मुद्दे पर एक समान है, ऐसे में संसद में इस विषय का हल निकाला जाए.

तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि एनआरसी असम में एक सूची जारी की गई है और 40 लाख लोगों के नाम हटा दिये गए हैं. इनमें से ज्यादातर बंगाली है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ताज्जुब की बात है कि इनमें से काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार, पासपोर्ट और पहचान पत्र है. लेकिन फिर भी उनका नाम सूची से हटा दिया गया.

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