जलियांवाला बाग स्मारक संसोधन विधेयक इसी साल अगस्त महीने में लोकसभा में पास हो चुका है.
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नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार (19 नवंबर) को जलियांवाला बाग विधेयक (Jallianwala Bagh National Memorial Amendment Bill) और विवादास्पद सरोगेसी विधेयक (Surrogacy Bill) पर चर्चा होगी. ये दोनों विधेयक आज बहस के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं. आपको बता दें कि दोनों ही विधेयक लोकसभा में पास हो चुके हैं.
जलियांवाला बाग स्मारक संसोधन विधेयक इसी साल अगस्त महीने में लोकसभा में पास हो चुका है. नए कानून के तहत कांग्रेस अध्यक्ष जलियांवाला बाग स्मारक समिति के सदस्य नहीं होंगे. हालांकि कांग्रेस सांसदों ने इस बिल का पुरजोर तरीके से विरोध किया था और कहा था कि जलियांवाला बाग कांड के बाद स्मारक बनाने के लिए जमीन कांग्रेस पार्टी ने दी थी और स्मारक बनाने का फैसला किया था.
नए बिल में अब समिति के सदस्य के तौर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता को नियुक्त किए जाने का प्रावधान किया गया है. चूंकि इस वक्त लोकसभा में किसी को भी विपक्ष के नेता का दर्जा प्राप्त नहीं है, लिहाजा वह समिति का सदस्य नहीं बन सकता.
आपको बता दें कि ‘सरोगेसी (विनियमन) विधेयक को भी लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है और आज इसे विधानसभा में बहस के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसमें देश में वाणिज्यिक उद्देश्यों से जुड़ी किराये की कोख (सरोगेसी) पर रोक लगाने, सरोगेसी पद्धति का दुरूपयोग रोकने के साथ नि:संतान दंपतियों को संतान का सुख दिलाना सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है.