यूएनजीए की बैठक से हटकर हो सकती है कुरैशी और स्वराज की द्विपक्षीय बैठक
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यूएनजीए की बैठक से हटकर हो सकती है कुरैशी और स्वराज की द्विपक्षीय बैठक

यूएनजीए के इतर कुरैशी और स्वराज की द्विपक्षीय बैठक और दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे से औपचारिक तौर पर संपर्क किए जाने की खबरों पर फैसल ने कहा, ‘‘हम मामले में संपर्क में हैं.’’

फाइल फोटो

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि इस महीने न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक के इतर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज की द्विपक्षीय बैठक कराने के लिए वह भारत के साथ ‘‘संपर्क’’ में है. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि इस मुद्दे पर अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है. यूएनजीए के इतर कुरैशी और स्वराज की द्विपक्षीय बैठक और दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे से औपचारिक तौर पर संपर्क किए जाने की खबरों पर फैसल ने कहा, ‘‘हम मामले में संपर्क में हैं.’’ स्वराज यूएनजीए में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगी, जबकि कुरैशी पाकिस्तान पक्ष की अगुवाई कर सकते हैं. 

भारत और पाकिस्तान के बीच नहीं हुई है द्विपक्षीय वार्ता
हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी खराब रहे हैं. कोई द्विपक्षीय वार्ता भी नहीं हुई है. साल 2016 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों की ओर से आतंकवादी हमले किए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गलियारा को खोलने के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में फैसल ने कहा, ‘‘अब तक दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक संवाद नहीं हुआ है.’’ इससे पहले, कांग्रेस नेता और भारत के पंजाब राज्य की सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने उनसे कहा था कि पाकिस्तानी सरकार करतारपुर गलियारे को खोलने के लिए काम कर रही है, ताकि भारत से सिख श्रद्धालू वहां जा सकें. सिद्धू ने सोमवार को स्वराज से मिल कर उनसे अनुरोध किया था कि वह इस बाबत पाकिस्तान सरकार से औपचारिक वार्ता करें. 

पाकिस्तान ने चीनी विदेश मंत्री को एलओसी के हालातों से कराया अवगत 
फैसल ने यह भी कहा कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान की यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के हालात से अवगत कराया गया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने मित्रों, खासकर चीन, को एलओसी और कश्मीर की स्थिति के बारे में अवगत कराता रहता है, क्योंकि तनाव बढ़ने के पूरे क्षेत्र में गंभीर परिणाम हो सकते हैं. 

(इनपुट भाषा से)

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