1998-2004 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उस वक्त सूचना प्रसारण मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने इस बात को पाकिस्तानी मीडिया के समक्ष बहुत पुरजोर तरीके से पेश किया था.
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नई दिल्ली: हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता संबंधी विवादित बयान के बाद भारत ने दो टूक शब्दों में अमेरिका से कहा कि इस मसले पर केवल पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी. 1998-2004 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उस वक्त सूचना प्रसारण मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने इस बात को पाकिस्तानी मीडिया के समक्ष बहुत पुरजोर तरीके से पेश किया था. मंगलवार देर रात रात सुषमा स्वराज के निधन के बाद वह इंटरव्यू एक बार फिर सुर्खियों में है.
8 मार्च 2002 को पीटीवी को दिए इंटरव्यू में सुषमा स्वराज ने कहा था, ''हिंदुस्तान और पाकिस्तान ने बैठ कर तय किया कि हमारे बीच में जज कोई नहीं होगा. तीसरे पार्टी की मध्यस्थता नहीं होगी. हम आपने मसलों को आपस में हल करेंगे. आपस में बात करके ये दोनों ने बैठ कर तय किया और जब दो बैठ कर ये तय कर लेते हैं कि तीसरा कोई नहीं होगा, तो दोनों ही एक दूसरे की चीज़ों के जज होंगे.
उस इंटरव्यू में उन्होंने ये भी कहा, ''अगर हम कहते हैं कि आप (पाकिस्तान) ये चीज़ें करें तो बातचीत होगी. अगर हमको लगता है कि आपने उसके मुताबिक किया तो बातचीत शुरू होगी. इसी तरह अगर आप हमें किसी चीज़ पर कहते हैं कि आप ये करेंगे, तब हम इस पर रेस्पॉन्ड करेंगे तो ये आप ही देखेंगे कि हमने ये किया या नहीं किया. हिंदुस्तान और पकिस्तान के मसलों पर कोई तीसरा जज नहीं होगा, ये भी हम ही लोगों का तय किया हुआ है.''