विदेश मंत्री ने बताया कि उन्हें एक वरिष्ठ अधिकारी से एक अहम सूचना मिली है कि लापता भारतीय नागरिकों को शुरुआत में एक अस्पताल के निर्माण कार्य में लगाया गया था, लेकिन इसके बाद उनसे कृषि कार्य लिया जाने लगा.
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नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार (16 जुलाई) को कहा कि इराक में 2014 में लापता हुए 39 भारतीय नागरिक बादुश में एक जेल में कैद हो सकते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि इलाके में जारी संघर्ष के खत्म होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. सुषमा ने यहां विदेश राज्य मंत्री वी. के. सिंह द्वारा इराक यात्रा के दौरान हासिल सूचनाएं मोसुल में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा अपहृत व्यक्तियों के परिवार वालों को दीं. विदेश राज्य मंत्री एम. जे. अकबर प्रेस वार्ता के दौरान सुषमा के साथ मौजूद थे.
सुषमा ने कहा कि इराक के प्रधानमंत्री ने जैसे ही मोसुल को आईएस के कब्जे से आजाद करा लिए जाने की घोषणा की, उन्होंने विदेश राज्य मंत्री से इरबिल जाकर व्यक्तिगत तौर पर लापता भारतीय नागरिकों का पता लगाने और उन्हें छुड़ाने का उपाय तलाशने के लिए कहा. सुषमा ने कहा, "मैंने अकबर से इराक के विदेश मंत्री से बात करने के लिए भी कहा. मैंने व्यक्तिगत तौर पर उन देशों के विदेश मंत्रियों से भी बात की, जो लापता भारतीय नागरिकों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं."
सुषमा ने बताया वी. के. सिंह शनिवार (15 जुलाई) को इरबिल से लौटे और उन्होंने बताया कि पूर्वी मोसुल को पूरी तरह आईएस के कब्जे से आजाद करा लिया गया है, लेकिन सुरक्षा कारणों से अभी इलाके में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
Visited Peshmarga frontline in Mosul area to seek information on Indians held by ISIS. Peshmerga still clearing ISiS held areas. pic.twitter.com/ND1Auczcz7
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) July 12, 2017
सुषमा ने कहा, "लेकिन पश्चिमी मोसुल में अभी संघर्ष जारी है, खासकर बादुश में." विदेश मंत्री ने बताया कि उन्हें एक वरिष्ठ अधिकारी से एक अहम सूचना मिली है कि लापता भारतीय नागरिकों को शुरुआत में एक अस्पताल के निर्माण कार्य में लगाया गया था, लेकिन इसके बाद उनसे कृषि कार्य लिया जाने लगा.
सुषमा ने बताया, "बाद में उन्हें बादुश की जेल भेज दिया गया, लेकिन उसके बाद से इराक की खुफिया एजेंसी से उनका संपर्क नहीं हो सका है. बादुश में संघर्ष समाप्त होने के बाद ही हमें उनकी स्थिति और हालात के बारे में कुछ साफतौर पर पता चल पाएगा." उन्होंने यह भी बताया कि इराक के विदेश मंत्री 24 जुलाई को भारत दौरे पर आ रहे हैं, जब उनसे इस बारे में और जानकारी मिल सकती है.