पत्‍नियों को छोड़ने वाले NRI पति‍यों की अब खैर नहीं, सरकार उठाएगी बड़ा कदम
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पत्‍नियों को छोड़ने वाले NRI पति‍यों की अब खैर नहीं, सरकार उठाएगी बड़ा कदम

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘हम संस्थानिक तंत्र की शुरूआत कर चुके हैं, जहां आपने देखा है कि ऐसे एनआरआई पतियों के 25 पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं.'

सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान जब तक भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं होगी.  (फोटो साभार - IANS)

हैदराबाद: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि अपनी पत्नी को छोड़ने वाले भगोड़े एनआरआई पति के मामलों से निबटने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाएगी.

उन्होंने कहा, ‘हम संस्थानिक तंत्र की शुरूआत कर चुके हैं, जहां आपने देखा है कि ऐसे एनआरआई पतियों के 25 पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं. हम इस सत्र में एक विधेयक लाने जा रहे हैं जिसमें उन पतियों के खिलाफ कुछ और प्रावधान किये गए हैं.’

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के प्रचार अभियान में हिस्सा लेने हैदराबाद आईं सुषमा स्वराज अपनी पत्नियों को छोड़ने वाले अनिवासी भारतीय (एनआरआई) के बारे में एक सवाल का जवाब दे रही थीं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पत्नी को छोड़ने वालों और दहेज के लिए उन्हें प्रताड़ित करने वाले एनआरआई की जरूरी गिरफ्तारी की मांग वाली एक याचिका पर 13 नवंबर को केंद्र का जवाब मांगा था.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल तथा न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने एक याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था. याचिका में छोड़ी गयी पत्नियों को कानूनी, वित्तीय मदद देने और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भगोड़े एनआरआई पतियों की गिरफ्तारी की मांग की गई थी. 

सार्क सम्मेलन में भाग नहीं लेगा भारत 
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान जब तक भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं होगी.

सुषमा का यह दो टूक बयान ऐसे वक्त आया है जब पाकिस्तान ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करेगा.

सुषमा स्वराज ने कहा,‘वह आमंत्रण पहले ही दिया जा चुका है लेकिन हम उसका सकारात्मक जवाब नहीं दे रहे हैं. क्योंकि जैसा कि मैंने कहा, जब तक पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियां बंद नहीं करेगा तब तक उससे कोई बातचीत नहीं होगी और हम दक्षेस में शामिल नहीं होंगे.’

सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान का भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना वार्ता की बहाली की राह में रूकावट है. उन्होंने कहा,‘मैं पाकिस्तान पहले ही जा चुकी हूं और व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की शुरुआत मैंने ही की थी. लेकिन उसके बाद क्या हुआ? पठानकोट, फिर उसके बाद उरी. इसलिए हमें व्यापक तौर पर देखना होगा.’

विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि करतारपुर गलियारे पर हुई पहल का पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है. भारत इस गलियारे की लंबे समय से मांग करता रहा है, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आ जा सकें. स्वराज ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा,‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस कदम भर से द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी. आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती.’

(इनपुट - भाषा)

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