सुषमा स्वराज को नए मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर दिन भर अटकलों का दौर चलता रहा लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में उनके मेहमानों के साथ दर्शक दीर्घा में बैठने के साथ ही इन अटकलों को विराम लग गया.
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नई दिल्ली: पीएम मोदी की दूसरी सरकार का हिस्सा नहीं सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री का आभार जताया है. बता दें सुषमा स्वराज को नए मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर दिन भर अटकलों का दौर चलता रहा लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में उनके मेहमानों के साथ दर्शक दीर्घा में बैठने के साथ ही इन अटकलों को विराम लग गया.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधान मंत्री जी - आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया. मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूं. हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है.'
प्रधान मंत्री जी - आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया. मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूँ. हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 30, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के दूसरे कार्यकाल में सुषमा स्वराज को भले ही मंत्री नहीं बनाया गया हो, लेकिन उनके अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सोशल मीडिया के जरिए उनसे आसानी से संपर्क साधा जा सकता था. वह विदेशों में मुश्किल में फंसे भारतीयों की मदद के लिए काफी मशहूर हुईं.
सुषमा हरियाणा सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के तौर पर भी सेवाएं दे चुकी हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सुषमा, मेनका गांधी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है जबकि पिछली सरकार में वह प्रमुख मंत्री माने जाते थे.
सुषमा ने स्वास्थ्य कारणों से इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. अपने पिछले कार्यकाल में वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहीं और विदेशों में बसे भारतीयों से बड़े पैमाने पर संवाद किया. विदेशों में बसे भारतीय अगर किसी मुश्किल में होते तो अपने संकटमोचक के तौर पर वह तुरंत सुषमा को याद करते. पूर्व विदेश मंत्री ने भी शायद ही उन्हें कभी निराश किया हो. विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा ने पासपोर्ट संबंधी आधारभूत संरचना का विस्तार किया और पूर्वी देशों के साथ संवाद बढ़ाया.
सुषमा को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत में ही विदेश मंत्री बनाया गया था. वह दिवंगत इंदिरा गांधी के बाद विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाली दूसरी महिला रही हैं. प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने कुछ समय के लिए विदेश मंत्रालय का पदभार संभाला था. सुषमा ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की पहले ही घोषणा कर दी थी.