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नई दिल्ली: योग गुरु स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने ज़ी न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में राजनीतिक, शिक्षा और किसानों से जुड़े सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यूपी में सीएम योगी और अखिलेश यादव का मुकाबला जोरदार है. बहन मायावती, ओवैसी और कांग्रेस के बीच अभी तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर का मुकाबला है. कांटे की टक्कर है.
स्वामी रामदेव ने कहा कि संसद में पहला बिल कृषि का ही आएगा. पीएम मोदी ने जो कहा वह किया. वह कृषि कानून वापस ले लेंगे. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर स्वामी रामदेव ने कहा कि यूपी में बीजेपी और अखिलेश यादव के बीच कड़ा मुकाबला है.
उन्होंने कहा कि इतिहास को फिर से लिखने की जरूरत है. शिक्षा व्यवस्था में कई कमियां हैं इनको दूर करने की जरूरत है. भारत के लिए मेरा सपना एक ही है 'योगमय भारत ज्ञान शील भारत.' ऐसे सिटीजन देश में हमें तैयार करने हैं जो विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका जैसे अलग-अलग क्षेत्र में कीर्तिमान बनाएं. उनके पराक्रम और शौर्य जिससे उनका तो गौरव बढ़े ही और भारत का भी गौरव बढ़े. ये भारत परम गौरवशाली बने.
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स्वामी रामदेव ने आगे कहा कि दुनियाभर के जितने बड़े संस्थान हैं ऑक्सफोर्ड, हॉवर्ड, उनमें पतंजलि पर केस स्टडी हो रही है. हमने विश्वस्तरीय ऑडिटोरियम बनाया है जो पतंजलि विश्वविद्यालय के अलावा किसी और यूनिवर्सिटी में नहीं है. यहां पर योग में बीएससी और एमएससी से लेकर तमाम तरह की डिग्रियां हम दे रहे हैं. अगले साल आपको और एक भव्य दुनिया का दर्शन होगा. पतंजलि ग्लोबल यूनिवर्सिटी को हम आकार दे रहे हैं. हम चाहते हैं कि देश के लोगों को गौरव हो. हम बात करते हैं राष्ट्रवाद की और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की तो लोगों को ही अच्छा लगेगा. ये गौरव हम पूरी दुनिया को पतंजलि यूनिवर्सिटी से दिखाएंगे. ये परिसर तो एक सिंबल मात्र है. हमने योग को, आयुर्वेद को, नेचुरोपैथी को और उपनिषद को एक गौरव दिया है.
उन्होंने कहा कि ये कल्पना से भी परे था हमने यहां उसको आकार दिया है. हमारी जो पूरी परिकल्पना है वह इस तरह से है कि हम अपनी सनातन संस्कृति को इतना गौरव दें कि सारी दुनिया हमारे अतीत को और वैभव को देखे और महसूस करें कि भारत किसी से कम नहीं है. वर्तमान इतिहास को दोबारा लिखने की जरूरत है. अपने आपको हीन और दूसरों को महान अकबर महान, बाबर महान, औरंगजेब महान, ग्रेट ब्रिटेन और अंग्रेज भी महान, हम कब तक इस तरह अपने आपको कमतर आंकते रहेंगे. मुझे किसी से राग द्वेष नहीं है. लेकिन हमें अपनी सभ्यता विरासत को जगह देनी है. जो आक्रमणकारी 10 परसेंट थे उनको हमने इतिहास में 80 परसेंट जगह दे दी है.
स्वामी रामदेव ने कहा कि चाहे हम हिंदी में पढ़ा रहे या इंग्लिश में पढ़ा रहे जो कंटेंट होना चाहिए वह आइडियल कंटेंट नहीं है. अतीत, वर्तमान और भविष्य के साथ उसका सामंजस्य होना चाहिए. ज्ञान और विज्ञान का चाहे वह सब्जेक्ट हो, चाहे भाषाएं हों उसमें एक परिष्कार की आवश्यकता है. मैं इंस्टीट्यूशनल बात नहीं कर रहा हूं एक विजन की बात कर रहा हूं. आने वाले समय में पूरी दुनिया की निगाहें भारत की ओर होंगी और दुनिया हमसे सीखेगी कि उनके यहां भी शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था कैसी हो? वह भारत से मार्गदर्शन लेंगे. जो कल्पना से भी परे था उसको हमने पतंजलि यूनिवर्सिटी में आकार दिया है. हमने अपनी सनातन संस्कृति को और निजता को इतना गौरव दें कि सारी दुनिया हमारे अतीत के गौरव को भी देखे.
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नई दिल्ली में अकबर और बाबर जैसे नाम रखे जाने पर स्वामी रामदेव ने कहा कि हां लुटियन जोन में हुआ. यह बहुत बड़ा हादसा है. हमने ऐतिहासिक भूलों को सुधारा नहीं है. कभी किसी ने आवाज नहीं उठाई. हमारे मुस्लिम भाई जब मक्का-मदीना हज पर जाते हैं तो मक्का-मदीना का नाम राम और कृष्ण के नाम पर करने की क्या किसी ने मांग उठाई? मक्का-मदीना अयोध्या कैसे हो सकता है? प्रयागराज को इलाहाबाद कर दिया गया था हालांकि वापस उसका नाम हो गया. ऐसे ही कुछ करने की जरूरत है. अब यहां पड़ोस में ही एक औरंगाबाद गांव है. उसका औरंगाबाद से क्या लेना-देना है? भारतीय राजनीति में अभी अकबर, बाबर और जिन्ना सब चल रहे हैं.
स्वामी रामदेव ने कहा कि देखिए जो ऐतिहासिक भूल हुई हैं उनमें हमें सुधार करना चाहिए. हमें पाठ्यक्रमों में सुधार करना चाहिए. शिक्षा के साथ-साथ मैं तो सभी सामाजिक जीवन के जो आयाम हैं उनकी बात कर रहा हूं. 98 फीसदी बीमारियों का हमारे यहां आयुर्वेद में 100 फीसदी सॉल्यूशन है. चिकित्सा और शिक्षा में भारत से बेहतर कोई नहीं है.
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