स्वामी विवेकानंद का शिकागो व्याख्यान आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज : सोनिया
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स्वामी विवेकानंद का शिकागो व्याख्यान आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज : सोनिया

शिकागो के विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान की 125 साल होने की सराहना करते हुए सोनिया ने कहा कि उन्होंने धरती पर सांप्रदायकिता, मतान्धता, कट्टरवाद बढ़ने की जो बात कही थी वह आज भी प्रासंगिक है. 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस बात की गंभीरता से उम्मीद करती हैं कि स्वामी विवेकानंद के प्रेरणाप्रद विचार आने वाले समय में देश के सभी लोगों का मार्गदर्शन करते रहेंगे. (FILE)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि स्वामी विवेकानन्द के शिकागो व्याख्यान का सार्वभौम संदेश सर्वकालिक है तथा यह 'असहिष्णुता एवं घृणा के मौजूदा माहौल' में आगे बढ़ने का 'मैग्ना कार्टा (अधिकारों का महत्वपूर्ण दस्तावेज)' है.  शिकागो के विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान की 125 साल होने की सराहना करते हुए सोनिया ने कहा कि उन्होंने धरती पर सांप्रदायकिता, मतान्धता, कट्टरवाद बढ़ने की जो बात कही थी वह आज भी प्रासंगिक है. 

'स्वामी जी के विचार आने वाले समय में भी लोगों का मर्गदर्शन करेंगे '
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने 1893 के शिकागो व्याख्यान में सहिष्णुता एवं सार्वभौम स्वीकार्यता की बात कही थी. 'आज हम पहले से कहीं अधिक उन पूर्वाग्रहों की चुनौती से घिरे हुए हैं जिनकी स्वामीजी ने चर्चा की थी.' कांग्रेस अध्यक्ष ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि वह इस बात की गंभीरता से उम्मीद करती हैं कि स्वामी विवेकानंद के प्रेरणाप्रद विचार आने वाले समय में देश के सभी लोगों विशेषकर युवाओं के लिए मार्गदर्शन करते रहेंगे.

और क्या कहा कांग्रेस अध्यक्ष ने?
उन्होंने कहा, 'आज के असहिष्णुता एवं घृणा के माहौल में स्वामीजी का संदेश आगे बढ़ने के लिए मैग्ना कार्टा होना चाहिए.' सोनिया ने कहा, 'उनका उद्घोष : उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्त होने तक रूको मत...ऐस समय आध्यात्मिक एवं राजनीतिक मुक्ति का आह्वान था. सभी धर्मों में समानता के विचार को प्रोत्साहित करने के साथ स्वामीजी ने उसी उत्साह के साथ इस विचार को भी आगे बढ़ाया था कि सभी मानवों में समानता है.'

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद 1893 में विश्व धर्म संसद में हिन्दुत्व एवं भारत के प्रतिनिधि के तौर पर शिकागो आए थे. उन्होंने भगवद्गीता का विद्वतापूर्ण उल्लेख करते हुए कहा, 'सांप्रदायिकता,धर्मान्धता और उनके भयावह वंशज कट्टरता इस सुंदर पृथ्वी पर काफी पहले व्याप्त हो चुकी थी. उनके कारण पृथ्वी पर प्राय: हिंसा फैलती रही और कई बार यह मानवीय रक्त से भींग गई, सभ्यताएं नष्ट हो गई और पूरा देश निराशा में भर गया.' सोनिया ने कहा कि यह सार्वभौम संदेश सर्वकालिक है. यह आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि यह 124 साल पहले था.

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