इमरान खान ने भारत में CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 'भारत में पुलिस हिंसा' का हवाला देते हुए तीन वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किए थे जो कि फर्जी थे
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नई दिल्ली: भारत विरोध में अंधे हुए पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) अब भारत को बदनाम करने के लिए फर्जी वीडियो पोस्ट करने से भी नहीं चूक रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के साथ पुलिस की कथित ज्यादती के नाम पर फर्जी वीडियो पोस्ट कर दिया और अपनी मुसीबत मोल ले ली.
इस वीडियो के पोस्ट कर देने के बाद जहां दुनिया भर के ट्विटर यूजर ने उन्हें खरी-खरी सुनाई वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन (Syed Akbaruddin) ने भी इमरान के द्वारा पोस्ट की गई वीडियो तंज कसते हुए पाकिस्तान आदतन अपराधी करार दिया है. अकबरुद्दीन ने वीडियो के साथ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, 'पुरानी आदतें मुश्किल से जाती हैं.'
Repeat Offenders...#Oldhabitsdiehard pic.twitter.com/wmsmuiMOjf
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) January 3, 2020
बता दें शुक्रवार को इमरान खान ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 'भारत में पुलिस हिंसा' का हवाला देते हुए तीन वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किए. इन वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, "मोदी सरकार के जातीय सफाए के तहत भारतीय पुलिस मुसलमानों पर हमला करते हुए."
लेकिन, इमरान की सीनाजोरी तब पकड़ में आ गई जब पता चला कि उन्होंने जो वीडियो ट्वीट किया है, वह सिरे से भारत का है ही नहीं. वीडियो बांग्लादेश का निकला. इमरान का पर्दाफाश उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया. पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है. यह मई 2013 में बांग्लादेश के ढाका की घटना का है. यूपी पुलिस ने इंडिया टुडे के एक फैक्ट चेक का लिंक भी दिया जिससे भी साफ हुआ कि वीडियो बांग्लादेश का है. वीडियो में लोग बांग्ला भाषा बोलते नजर आ रहे हैं.
वीडियो में इमरान ने पुलिस के जिन जवानों को उत्तर प्रदेश का बताया, उनकी वर्दी पर आरएबी लिखा हुआ है. आरएबी (रैपिड एक्शन बटैलियन) बांग्लादेश पुलिस की आतंकरोधी इकाई है.