मुंबई ब्‍लास्‍ट : अबू सलेम समेत छह आरोपी दोषी करार, सजा पर सुनवाई 19 जून को
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मुंबई ब्‍लास्‍ट : अबू सलेम समेत छह आरोपी दोषी करार, सजा पर सुनवाई 19 जून को

मुंबई : 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोप में विशेष टाडा कोर्ट ने अबू सलेम समेत छह आरोपियों को दोषी माना है. जबकि अब्‍दुल कयूम को अदालत ने निर्दोष माना है. विशेष टाडा अदालत 19 जून को सभी छह आरोपियों को सजा सुनाएगी.  विशेष टाडा अदालत ने शुक्रवार को अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्‍दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्‍लाह खान और रियाज सिद्दीकी को दोषी माना है.

धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग जख्‍मी हुए थे. (file pic)

मुंबई : 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोप में विशेष टाडा कोर्ट ने अबू सलेम समेत छह आरोपियों को दोषी माना है. जबकि अब्‍दुल कयूम को अदालत ने निर्दोष माना है. विशेष टाडा अदालत 19 जून को सभी छह आरोपियों को सजा सुनाएगी. विशेष टाडा अदालत ने शुक्रवार को अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्‍दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्‍लाह खान और रियाज सिद्दीकी को दोषी माना है.

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दौसा मुख्‍य साजिशकर्ता
अदालत ने सलेम को हथियार लाने और बांटने का दोषी माना है. वहीं दौसा को मुख्‍य साजिशकर्ता के तौर पर ब्‍लास्‍ट और हत्‍या करने का दोषी माना है. दौसा ने ही अबू सलेम के घर पर हमलों की साजिश रची थी. उस पर विस्‍फोटक लाने के लिए अबू सलेम को कार देने का भी आरोप है. मुंबई में 12 मार्च 1993 को हुए 12 बम धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी और करीब 712 लोग जख्‍मी हुए थे. mumbai blast में न्‍यायालय ने कुछ दिन पहले ही मामले की सुनवाई पूरी कर फैसले को सुरक्षित रखा था.

2005 में कराया था प्रत्यर्पण
मामले में सबसे बड़ा फैसला साल 2006 में सुनाया गया था. अदालत ने सातों अभियुक्‍तों की अलग से सुनवाई शुरू की थी. मुस्तफा दौसा को 2004 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था. वहीं साल 2005 में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और उसकी गर्लफ्रेंड मोनिका बेदी का पुर्तगाल से प्रत्यर्पण किया गया था. मुंबई ब्‍लास्‍ट (mumbai blast) शेष पांचों आरोपियों को भी दुबई से भारत लाया गया था.

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अलग से क्‍यों हुई सुनवाई
साल 2006 में आए फैसले में उपरोक्‍त सातों अभियुक्‍तों पर अदालत ने कोई फैसला नहीं दिया था. साल 2002 के बाद सभी को विदेश से प्रत्यर्पित कराने के कारण इन सातों पर अलग से सुनवाई शुरू की गई थी. अदालत का मानना था कि इनकी सुनवाई अन्‍य सभी के साथ करने से फैसला आने में देर हो सकती है. इस कारण मुंबई ब्लास्ट केस को दो टाडा कोर्ट की तरफ से दो हिस्सों में बांटा गया था.

सबसे बड़ा फैसला
अदालत ने मुंबई धमाकों पर सबसे बड़ा फैसला साल 2006 में सुनाया था. उस समय टाडा कोर्ट ने 123 अभियुक्तों में 100 को सजा सुनाई थी, जबकि 23 लोगों को बरी कर दिया था. धमाकों में वांछित याकूब मेमन को इसी फैसले में सजा सुनाने के बाद 30 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र की यरवडा जेल में फांसी दी गई थी.

यह था मामला
12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी, जबकि 712 से ज्यादा लोग जख्‍मी हुए थे. एक अनुमान के मुताबिक धमाकों में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हुई थी. इस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था.

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