नई दिल्ली: अफगानिस्‍तान (Afghanistan) में अब तालिबान (Taliban) काबिज हो चुका है. इसके साथ ही वहां से अफगानी नागरिकों और विदेशी नागरिकों के देश छोड़ने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इस बीच तालिबान ने भारत (India) को लेकर एक बयान दिया है. इसमें तालिबान ने कहा है कि भारत अफगानिस्‍तान में जिन प्रोजेक्‍ट पर काम कर रहा था, उसे उन्‍हें पूरा करना चाहिए. भारत अफगानिस्‍तान में कई डेवलपमेंट प्रोजेक्‍ट Development Projects) पर काम कर रहा है और वहां पर तकरीबन 3 अरब डॉलर का निवेश किया है. 


अपने प्रोजेक्‍ट पूरा करे भारत 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तालिबान के प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने पाकिस्‍तान के हम न्‍यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'भारत को अफगानिस्‍तान में अपने प्रोजेक्‍ट्स पूरे करने चाहिए, क्‍योंकि वे अवाम के लिए है.' वहीं पाकिस्‍तानी न्‍यूज एंकर के इस सवाल पर कि भारत ने अफगानिस्‍तान में बड़ा निवेश किया है लेकिन कभी भी तालिबान को मान्‍यता नहीं दी, जबकि भारत के कई कंसुलेट्स अफगानिस्‍तान में हैं, अब इन बदले हालात में क्‍या स्थिति रहेगी? इसके जवाब में प्रवक्‍ता ने कहा कि हम अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल किसी मुल्‍क को अपना मकसद पूरा करने, या किसी दूसरे देश के खिलाफ अदावत निकालने में नहीं करने देंगे. वे यहां आकर अपने प्रोजेक्‍ट पूरे कर सकते हैं क्‍योंकि वह अवाम के लिए हैं. 


पाकिस्‍तानी चैनल से तालिबान प्रवक्‍ता की बातचीत का यह वीडियो पत्रकार रेजुल हसन लस्‍कर ने ट्विटर पर शेयर किया है.


 



यह भी पढ़ें: Life In Afghanistan: तालिबानी कब्‍जे से पहले ऐसी थी अफगानी नागरिकों का जिंदगी, Photos में देखें तब और अब का फर्क


भारत कर रहा है अमेरिका से बात 


उधर भारत अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर अमेरिका से लगातार बात कर रहा है. भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की थी. इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से भी एस.जयशंकर ने बात की. बता दें कि अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद ब्लिंकन ने उन सभी देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है, जिन्‍होंने अफगानिस्‍तान में विकास योजनाओं पर काफी निवेश किया है. इसमें भारत भी शामिल है.