Delhi Government: एक तो गर्मी.. ऊपर से पीने के पानी की किल्लत. दिल्लीवाले डबल अटैक झेल रहे हैं. जिसमें गर्मी का अटैक तो कुदरती है लेकिन पानी की कमी का अटैक सरकारी है. दिल्ली में पानी की कितनी कमी हो गई है. लोग टैंकरों का इंतजार कर रहे हैं कि पानी आए तो उनकी प्यास बुझे. पानी की कमी सिर्फ देश की राजधानी दिल्ली में ही नहीं है.. बल्कि सरकारों की आंखों में शर्म का जरा सा भी पानी नहीं बचा है. 


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दिल्ली सरकार कह रही है कि अब दिल्ली में एक ही टाइम पानी आएगा. और किसी ने पानी बर्बाद किया तो दो हजार रुपये का चालान भी काट दिया जाएगा. यानी सरकार की नाकामी की सजा अब दिल्ली वाले भुगतें. जिसके लिए दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार जिम्मेदार है. हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली और हरियाणा के बीच यमुना के पानी को लेकर गरमा-गरमी तेज हो गई है. 


दिल्ली सरकार कह रही है कि हरियाणा-दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं दे रहा. लेकिन हरियाणा सरकार कह रही है कि दिल्ली को उसके हक का पूरा पानी दिया जा रहा है. इन दावों के बीच दिल्लीवालों के हक का पानी कहां जा रहा है.. पता ही नहीं चल रहा है. यमुना नदी का आलम ये है कि लोग पैदल और मोटरसाइकिल से नदी पार कर रहे हैं.


हरियाणा और दिल्ली के बीच पानी की इस लड़ाई की जड़ तक पहुंचने के लिए ज़ी न्यूज़ की टीम हरियाणा में उस हथिनीकुंड बैराज पहुंची. जहां से पहाड़ों से आने वाले पानी को दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान.. चारों राज्यों में बांटा जाता है. हथिनीकुंड बैराज से हमारी ये रिपोर्ट दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के बीच छिड़ी पानी वाली जंग पर दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी.


कहते हैं कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती. दिल्ली सरकार जो दावा कर रही है कि हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दे रही है. उस दावे में कितनी हकीकत है और कितना फसाना. ये आपने हथिनीकुंड बैराज से हमारी रिपोर्ट में देख भी लिया होगा और समझ भी लिया होगा. वैसे आज दिल्ली में बारिश हुई है, जिससे मौसम की गर्मी और पानी पर सियासत.. दोनों कम होने की उम्मीद है.