तीन मूर्ति भवन में जवाहरलाल नेहरू स्मृति कोष को 15 दिन में परिसर खाली करने का नोटिस
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तीन मूर्ति भवन में जवाहरलाल नेहरू स्मृति कोष को 15 दिन में परिसर खाली करने का नोटिस

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि गत 23 अक्तूबर को अर्धन्यायिक निकाय के समक्ष सुनवाई के दौरान JNMF के जवाब पर असतोष जताते हुए संगठन को परिसर खाली करने का अंतिम अवसर दिया गया है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय के अर्धन्यायिक निकाय ने राजधानी दिल्ली स्थित तीन मूर्ति भवन परिसर में कथित तौर पर अनधिकृत कब्जे के मामले में जवाहरलाल नेहरू स्मृति कोष (जेएनएमएफ) को 15 दिन के भीतर परिसर खाली करने का नोटिस जारी किया है. 

मंत्रालय के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि गत 23 अक्तूबर को अर्धन्यायिक निकाय के समक्ष सुनवाई के दौरान जेएनएमएफ के जवाब पर असतोष जताते हुये संगठन को परिसर खाली करने का अंतिम अवसर दिया गया है. सुनवाई के दौरान मंत्रालय के संपदा विभाग के अधिकारियों ने भी अपना पक्ष रखा.

इससे पहले अर्धन्यायिक निकाय ने जेएनएमएफ को एक सप्ताह का समय देते हुये मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था. उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने तीन मूर्ति भवन परिसर में अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को संजोने के लिये संग्रहालय बनाने की योजना का हवाला देते हुये जेएनएमएफ को परिसर स्थित अपनी संपत्ति खाली करने का नोटिस जारी किया था. 

इसका पालन नहीं होने पर सार्वजनिक संपत्ति (अनधिकृत कब्जा निष्कासन) कानून 1971 के तहत मामला अर्धन्यायिक निकाय के समक्ष पेश किया गया. 

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले जेएनएमएफ ने अपने जवाब में कहा था कि मंत्रालय की कार्रवाई कानूनसम्मत नहीं है. सूत्रों ने बताया कि अगर 15 दिन की अवधि में जेएनएमएफ परिसर खाली करने में नाकाम रहता है तो कानून के मुताबिक अर्धन्यायिक निकाय द्वारा इसे प्रशासनिक कार्रवाई के माध्यम से खाली कराया जा सकेगा. निर्धारित प्रक्रिया के तहत इस कार्रवाई को पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लगता है. 

तीन मूर्ति भवन में 1964 में नेहरू संग्रहालय एवं पुस्तकालय की स्थापना के बाद इसी परिसर में 1967 से जेएनएमएफ कार्यरत है. जेएनएमएफ का कार्यालय परिसर में स्थित संग्रहालय की मुख्य इमारत का हिस्सा नहीं है. 

लगभग 25 एकड़ क्षेत्रफल वाले तीनमूर्ति परिसर के एक हिस्से में जेएनएमएफ का कार्यालय स्थित है. मंत्रालय ने इसके मूल परिसर और संग्रहालय की मूल योजना का हिस्सा नहीं होने के आधार पर अनधिकृत कब्जा बताते हुये परिसर खाली करने का नोटिस दिया था. 

(इनपुट - भाषा)

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