सोशल मीडिया पर कसनी के लिए खोजा जा रहा 'नया रास्ता', इंटरनेट बैन किए बिना बंद होंगे एप्स
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सोशल मीडिया पर कसनी के लिए खोजा जा रहा 'नया रास्ता', इंटरनेट बैन किए बिना बंद होंगे एप्स

सरकार दुरुपयोग या ऐसी किसी संभावना की स्थिति में सोशल मीडिया एप जैसे whatsapp, facebook, instagram, telegram को बंद करने के उपाय तलाश रही है

टेलीकॉम मंत्रालय ने ऑपरेटर्स को लिखी थी चिट्ठी, मांगी थी उनकी राय (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शिव प्रकाश यादव, नई दिल्ली: सरकार दुरुपयोग या ऐसी किसी संभावना की स्थिति में सोशल मीडिया एप जैसे whatsapp, facebook, instagram, telegram को बंद करने के उपाय तलाश रही है. यानि हो सकता है कि आपका इंटरनेट तो चले मगर whatsapp और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया एप काम ना करें. क्योंकि सरकार इन मोबाइल एप्लिकेशन की बढ़ती मनमानी और दायरे पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक टेलीकॉम मंत्रालय ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स और सीओएआई से इस पर तकनीकी जानकारी संबंधित राय मांगी है. हालांकि आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने इस पर कहा, "हम इस मामले को देख रहे हैं और आईटी एक्ट के अंतर्गत ही कोई भी कार्रवाई की जाएगी." इस मामले पर सीओएआई ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को सोच समझकर कोई कदम उठाना चाहिए.सरकससस 

  1. आईटी एक्ट की एक धारा देती सूचनाएं ब्लॉक करने का अधिकार
  2. आईटी सचिव ने कहा, नहीं दिया एप्स को ब्लॉक करने का निर्देश
  3. सीओएआई के डीजी राजन एस मैथ्यू ने भी बताया अपना पक्ष

टेलीकॉम मंत्रालय ने ऑपरेटर्स को लिखी थी चिट्ठी
सरकार मान रही है कि बीते कुछ समय से देश में अफवाह फैलाने और फर्जी खबरों को बढ़ाने में वॉट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है. सरकार लंबे समय से ही इसको रोकने की कोशिश कर रही है और इस बाबत फेसबुक-वॉट्सएप को नोटिस भी दिया जा चुका है. लेकिन, अब सरकार इस बात को लेकर ज्यादा गंभीर है कि आखिर मोबाइल पर चल रहे इन एप्स का संचालन कैसे बंद किया जा सके. पिछले महीने टेलीकॉम मंत्रालय ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को एक खत लिखकर आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत इन एप्स को ब्लॉक करने पर अपनी राय देने को कहा था. हालांकि इस पत्र में टेलीकॉम विभाग ने आईटी मंत्रालय का हवाला दिया है.

आईटी एक्ट की यह धारा देती सूचनाएं ब्लॉक करने का अधिकार
आईटी एक्ट की धारा 69ए सरकार को ये अधिकार देती है कि वह राष्ट्रहित में इंटरनेट पर प्रसारित होने वाली सूचनाओं को ब्लॉक करने का निर्देश जारी कर सकती है. इन दिनों वॉट्सएप के बढ़ते इस्तेमाल को देखकर सरकार चिंतित है. वॉट्सएप ने पिछले दिनों कुछ कड़े कदम उठाए हैं. जैसे उसने अपने संदेशों को फॉरवर्ड करने की सुविधा को सीमित कर दिया है. लेकिन वो मैसेज कहां से आ रहे हैं इसका पता लगाने में नाकाम हैं. 

आईटी सचिव ने कहा, नहीं दिया एप्स को ब्लॉक करने का निर्देश
इसी मुद्दे पर जी मीडिया ने आईटी सचिव से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हमने इन एप्लिकेशन्स को ब्लॉक करने का निर्देश नहीं दिया लेकिन आईटी एक्ट के उल्लंघन की स्थिति में इस बारे में सोचा जा सकता है. पेश हैं बातचीत के कुछ अंश...

सवाल: क्या आईटी ने डीओटी से फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक करने को कहा है? इसकी क्या जरूरत आन पड़ी?
जवाब: नहीं, हमने ऐसा तो कुछ नहीं कहा है. हां, लेकिन अगर आईटी एक्ट का उल्लंघन होता है या इससे जुड़ा कोई भी मामला आता है तो हम उसे देखेंगे.

सवाल: क्या डीओटी ने सभी ऑपरेटर्स को लिखा है कि आईटी मंत्रालय की ओर से यह अनिवार्य है?
जवाब: मुझे इस बारे में देखना होगा.

सवाल: क्या आईटी मंत्रालय सोशल मीडिया एप्लिकेशन पर चलने वाली फर्जी खबरें और अफवाहों पर मीटिंग करेगा?
जवाब: हां, कभी भी ऐसा कोई गंभीर मुद्दा आता है तो हम जरूर उसे देखते हैं और हमने इस बारे में सभी टेलीकॉम प्रोवाइडर्स को लिख दिया है.

सवाल: वॉट्सएप के मुताबिक कोई भी मैसेज कहां से आता है इसका सोर्स नहीं पता चलता, क्या आईटी कोई एक्शन लेगी?
जवाब: वॉट्सएप ने कई कदम उठाए हैं मैसेज फॉरवर्ड करने को लेकर. हमने उनसे अनुरोध किया है कि वो इस प्लेटफॉर्म से कुछ भी गलत न हो ये भी तय करें. आने वाले दिनों में अगर यूजर को कुछ भी गलत लगे तो वो वॉट्सएप उस पर एक्शन ले सके. 

सवाल: वॉट्सएप के रिस्पांस पर आप क्या विचार करेंगे और कब तक?
जवाब: हम रिस्पांस देख रहे हैं उसके बाद ही कोई फैसला होगा. 

सीओएआई के डीजी राजन एस मैथ्यू ने भी बताया अपना पक्ष
सीओएआई के डीजी राजन एस मैथ्यू ने फेसबुक और वॉट्सएप को मोबाइल पर ब्लॉक करने को लेकर जी मीडिया के साथ खास बाचचीत की. उन्होंने कहा, "हमने डीओटी को जवाब में ये संकेत दिया है कि एकदम से सभी एप्लिकेशंस को ब्लॉक कर देना संभव नहीं है. लेकिन हम ये भी कहेंगे कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और लोगों की सेफ्टी को देखते हुए सरकार को इस मामले में जो जरूरी कदम लगे वो उठाए. हमने ये भी सुझाया है कि इस समस्या को सुलझाने के लिए ये पहला कदम नहीं हो सकता, हम मानते हैं ये एप्लिकेशन बहुत बड़े हथियार हैं लोगों से जुड़ने के और इनका असर बुरा-अच्छा दोनों होता है."

'हमने अब तक ऐसा कोई रास्ता नहीं सुझाया है'
उन्होंने आगे अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा, "सरकार को इस मामले पर बहुत सोच-समझकर कदम उठाना पड़ेगा. सरकार ने हमें कोई कारण नहीं बताया, बस एक छोटा सा सवाल लिखकर पूछा है कि क्या कोई ऐसा रास्ता है जहां ऐसे एप्लिकेशन ब्लॉक किया जा सके. हमने अब तक ऐसा कोई रास्ता नहीं सुझाया है."

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