जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास एक जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स शिविर पर आज भोर से पहले हुए आतंकी हमले में तीन मजदूरों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि बाटल गांव में नियंत्रण रेखा के पास देर रात करीब एक बजे जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स पर दो या उससे अधिक आतंकियों ने हमला किया। सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए संभवत: सीमा पार से आए थे।
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नई दिल्ली: जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास एक जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स शिविर पर आज भोर से पहले हुए आतंकी हमले में तीन मजदूरों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि बाटल गांव में नियंत्रण रेखा के पास देर रात करीब एक बजे जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स पर दो या उससे अधिक आतंकियों ने हमला किया। सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए संभवत: सीमा पार से आए थे।
उन्होंने बताया कि हमले में तीन मजदूरों की मौत हो गई । पीड़ित जीआरइएफ में मजदूर के तौर पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेना ने पुलिस के साथ मिलकर इलाके की घेराबंदी कर ली है और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलाके के सभी मार्गों को बंद कर दिया गया है और अभियान जोरों पर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीआरईएफ का यह कैंप एलओसी से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है। कैंप पर हमले के बाद सुरक्षाबल पूरे इलाके में हाई अलर्ट पर हैं। आतंकियों ने अंधेरे का फायदा उठाकर हमला किया। सुरक्षाबलों ने पूरे कैंप को घेर लिया है। पिछले साल सितंबर और नवंबर में भी आतंकियों ने सेना के कैंपों को निशाना बनाया था।
#FLASH J&K: Three GREF personnel have lost their lives in attack on GREF camp in Akhnoor; area cordoned off.
— ANI (@ANI_news) 9 January 2017
सितंबर में उड़ी में सेना मुख्यालय पर हुए हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। नवंबर में आतंकियों ने नगरोटा में सेना की यूनिट पर हुए हमले में 7 जवान शहीद हुए थे।पिछले दिनों उत्तरी कश्मीर के जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा इलाके में भी आतंकियों ने सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर दिया था। इस हमले में दो जवान घायल हो गए थे।
पुलिस के अनुसार हाजिन इलाके के शाहगुंदगांव में उग्रवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि बल तलाशी अभियान में जुटे थे तभी छिपे हुए उग्रवादियों ने उन पर गोलियां चलाई, जिससे वहां मुठभेड़ शुरू हो गई।
दिसंबर 2016 में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंपोर में भीड़भाड़ वाले स्थान पर सेना के एक काफिले पर हमला हुआ था। इसमें तीन सैनिक शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। हमला पुलवामा जिले के पंपोर नगर में कदलाबाल में एक भीड़भाड़ वाले स्थान पर किया गया।