बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है : भारत
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बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है : भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘मुझे ट्रैक एक या ट्रैक 1.5 वार्ता के किसी प्रस्ताव या भारत और पाकिस्तान के बीच किसी बैठक के प्रस्ताव की जानकारी नहीं है.’ 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत का रुख है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते.  (फोटो साभार - ANI)

नई दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने और अपनी धरती से संचालित आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने जैसे कदम उठाकर वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत का रुख है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते. उन्होंने कहा कि यह भी एक कारण है कि न्यूयॉर्क में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक को रद्द कर दिया गया.

यह पूछने पर कि क्या पाकिस्तान की तरफ से वार्ता के लिए कोई संदेश या संकेत दिया गया है तो कुमार ने कहा, ‘मुझे ट्रैक एक या ट्रैक 1.5 वार्ता के किसी प्रस्ताव या भारत और पाकिस्तान के बीच किसी बैठक के प्रस्ताव की जानकारी नहीं है.’ 

उन्होंने कहा,‘ठोस कदम उठाने, सकारात्मक माहौल बनाने, इस तरह की वार्ता के लिए आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने, उसकी धरती से संचालित होने वाले आतंकवादी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.’

'राफेल विवाद से भारत और फ्रांस के बीच संबंध पर कोई असर नहीं' 
भारत ने कहा कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर छिड़े विवाद की वजह से दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “हमारा फ्रांस के साथ बेहद मजबूत संबंध बरकरार है. मैं कह सकता हूं कि इस (राफेल विवाद) ने हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं डाला है.' उनसे यह सवाल पूछा गया था कि राफेल विवाद की वजह से दोनों देशों के संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ा है? 

बता दें भारत में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट से राफेल जेट खरीदने को लेकर भारी विवाद छिड़ा हुआ है. कांग्रेस का आरोप है राफेल विमानों की खरीद में भारी अनियमितता बरती गई. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार प्रत्येक विमान 1,670 करोड़ रूपये में खरीद रही है जबकि संप्रग सरकार ने 526 करोड़ रूपये में इसकी खरीद पर चर्चा की थी. 

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