Piracy Threat: पाइरेसी पूरे देश के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है. राज्यसभा के पूर्व सांसद डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने इससे देश और इंडस्ट्री को हो रहे नुकसान को लेकर चिंता जताई है.
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India Against Piracy: राज्यसभा के पूर्व सांसद डॉक्टर सुभाष चंद्रा (Former MP Dr Subhash Chandra) ने पाइरेसी को देश और समाज के लिए घातक बताया है. पूर्व राज्यसभा सांसद डॉक्टर चंद्रा ने अपने एक्स अकाउंट से किए एक पोस्ट में लिखा- 'आतंकवादी नेटवर्क केवल विचारधारा पर जीवित नहीं रहते हैं, वे पैसे पर जीवित रहते हैं और पायरेटेड सामग्री उनके सबसे शांत स्रोतों में से एक है. पायरेसी से देश को भारी नुकसान हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाइरेसी का ब्लैक मार्केट हजारों करोड़ रुपये का है.
देश को हजारों करोड़ का नुकसान
हाल ही में आई एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में 22,400 करोड़ रुपये का फिल्म लीक घोटाला बेनकाब हुआ था. एक परेशान करने वाले घटनाक्रम के तहत रेड 2, सिकंदर और जाट जैसी प्रमुख हिंदी फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होने से एक दिन पहले ऑनलाइन लीक होने का खुलासा हुआ था. हालांकि इस तरह से फिल्मों का लीक होना इस इंडस्ट्री से जुड़े अंदरूनी लोगों की संलिप्तता की ओर इशारा करता है. पायरेसी की वजह से जो पैसा कमाया जाता है उसका इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने में हो सकता है.
मीडिया पार्टनर्स एशिया विश्लेषण के अनुसार, वैश्विक स्तर पर, भारत 90.3 मिलियन से अधिक यूजर्स के साथ ऑनलाइन वीडियो पायरेसी के बाजार में सबसे ऊपर यानी पहले पायदान पर है, इसके बाद इंडोनेशिया (47.5 मिलियन) और फिलीपींस (31.1 मिलियन) का नंबर आता है.
'आतंकवाद के पीछे पैसा और पाइरेसी'
पाइरेसी का नुकसान न सिर्फ इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को होता है बल्कि पूरे देश को होता है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मई 2025 में निर्धारित सिनेमा प्रीमियर से ठीक एक दिन पहले कई फिल्में लीक हो गईं.
वहीं EY-IAMAI एंटी-पायरेसी स्टडी 2024 उर्फ द रॉब रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई सालों से एक बहुत बड़ा घोटाला किया जा रहा है. इस शुरुआती लीकेज जो कि सामान्य पोस्ट-रिलीज़ पायरेसी से अलग है उसने भारतीय फिल्म उद्योग में गंभीर चिंता पैदा कर दी है.
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान
EY-IAMAI के अनुसार और ET द्वारा हुए खुलासे के तहत भारतीय मीडिया उद्योग को 2023 में पायरेसी के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा था. दुखद बात ये है कि सरकार और पुलिस के तमाम एक्शन नाकाफी हैं.