Terrorist Rana: तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. एनआईए और एनएसजी की टीमें उसे लॉस एंजेलिस से विशेष विमान के जरिए भारत लेकर आईं. राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिकी अदालतों में कई कोशिशें की थीं.
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Mumbai attack investigation: पहलगाम अटैक के बाद कयासों के दौर के बीच आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा से भी पूछताछ जारी है. इसी बीच मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक राणा ने पूछताछ के दौरान कहा कि 26/11 आतंकी हमले से उसका कोई लेना देना नहीं है. उसने खुद को हमले की साजिश से पूरी तरह अलग बताते हुए कहा कि इसके पीछे उसका बचपन का दोस्त डेविड हेडली था. राणा ने दावा किया कि हमले की पूरी योजना और उसकी तैयारी में उसकी कोई भूमिका नहीं थी.
दिल्ली और मुंबई के अलावा केरल भी गया
असल में आतंकी राणा ने पूछताछ में यह भी खुलासा किया कि वह दिल्ली और मुंबई के अलावा केरल भी गया था. जब एजेंसियों ने उससे केरल जाने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह अपने कुछ जानने वालों से मिलने गया था. राणा ने अपने केरल स्थित परिचित का नाम और पता भी जांच एजेंसियों को दिया है. अब क्राइम ब्रांच राणा की इन जानकारियों की पुष्टि करने में जुट गई है और जल्द ही एक टीम केरल रवाना हो सकती है.
अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. एनआईए और एनएसजी की टीमें उसे लॉस एंजेलिस से विशेष विमान के जरिए भारत लेकर आईं. राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिकी अदालतों में कई कोशिशें की थीं लेकिन सभी प्रयास नाकाम रहे. भारत के विदेश और गृह मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को अंजाम दिया.
लश्कर ए तैयबा के साथ मिलकर काम
मालूम हो कि तहव्वुर राणा पर 26/11 हमलों की साजिश में लश्कर ए तैयबा के साथ मिलकर काम करने का गंभीर आरोप है. 26 नवंबर 2008 को हुए इन हमलों ने देश को हिला दिया था जब ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस जैसी जगहों को आतंकियों ने निशाना बनाया था. राणा के खिलाफ एनआईए ने वर्षों तक सबूत जुटाए और अब उसकी भूमिका की गहन जांच की जा रही है.