PM मोदी नए कृषि कानूनों से किसानों और मजदूरों को ‘खत्म’ कर रहे: राहुल गांधी
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PM मोदी नए कृषि कानूनों से किसानों और मजदूरों को ‘खत्म’ कर रहे: राहुल गांधी

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार (5 अक्टूबर) को यहां आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन कृषि कानूनों से ‘किसानों और मजदूरों को वैसे ही खत्म’ कर रहे हैं जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से छोटे दुकानदारों को ‘बर्बाद’ कर दिया था.

फोटो (ट्विटर)

संगरूरः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार (5 अक्टूबर) को यहां आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन कृषि कानूनों से ‘किसानों और मजदूरों को वैसे ही खत्म’ कर रहे हैं जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से छोटे दुकानदारों को ‘बर्बाद’ कर दिया था. राहुल ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि पिछले छह वर्षों के दौरान नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की कोई भी नीति गरीबों, किसानों या मजदूरों के कल्याण के लिए नहीं थी. राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ सभी नीतियां उनके तीन-चार चुनिंदा दोस्तों के लिए बनायी गयी हैं." राहुल गांधी ने अनाजों की खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. 

पूरे देश के खिलाफ है कृषि बिल
राहुल ने कहा, ''इस प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है और अधिक संख्या में मंडियों को स्थापित करने की आवश्यकता है. एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी देने की, किसानों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने, भंडार गृह स्थापित करने की आवश्यकता है.'' राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ''नरेंद्र मोदी व्यवस्था को मजबूत नहीं कर रहे हैं... अगर मोदी बेहतर पीडीएस देते हैं और एमएसपी की गारंटी देते हैं, ज्यादा मंडियां देते हैं तो अंबानी और अडानी पैसा नहीं बना सकते.''  उन्होंने दावा किया कि नए कृषि कानून न केवल किसानों और मजदूरों के बल्कि पूरे देश के खिलाफ" हैं और देश की आजादी को 'छीनने वाले' हैं.

मजदूरों को बनाया गया निशाना
राहुल ने कहा, ‘‘जिस प्रकार उन्होंने (मोदी) जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और नोटबंदी से छोटे दुकानदारों और छोटे व मंझोले व्यवसायों को समाप्त कर दिया, उसी प्रकार वह किसानों और श्रमिकों को खत्म कर रहे हैं और इन तीन कानूनों से आपका गला काटा जा रहा है." उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार से सवाल किया कि इस महामारी के समय भी कानून लाने की क्या जल्दी थी. राहुल गांधी ने दावा किया कि इसका कारण यह है कि प्रधानमंत्री को लगता है कि अगर कोरोना वायरस के दौरान किसानों और मजदूरों को निशाना बनाया गया तो वे अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाएंगे.

मोदी ने रोजगार प्रदान करने वाली प्रणाली को बर्बाद किया
राहुल केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में राज्य भर में खेती बचाओ यात्रा नाम से ट्रैक्टर रैलियों की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने "अंबानी और अडानी जैसे लोगों" के ऋण को माफ कर दिया वहीं छोटे और मध्यम व्यवसायों को "समाप्त" कर दिया. राहुल ने कहा, "मोदी जी, अंबानी और अडानी के लिए रास्ता साफ कर रहे हैं और आप लोगों को यह समझना होगा." उन्होंने कहा कि "अंबानी और अडानी" नहीं बल्कि छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय रोजगार पैदा करते हैं. उन्होंने कहा, "मैं गारंटी के साथ कह रहा हूं कि यह देश आने वाले समय में अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा क्योंकि मोदी ने रोजगार प्रदान करने वाली प्रणाली को बर्बाद कर दिया है.’’ 

कृषि प्रणाली पर कब्जा 
राहुल ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में किसानों को अगर मंडियों में किसी प्रकार की समस्या है तो वे प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर "अंबानी और अडानी ने देश की कृषि प्रणाली पर कब्जा कर लिया तो लोगों को खाद्यानों का दोगुना-तीन गुना मूल्य चुकाना होगा. कांग्रेस नेता ने कहा, ''कल एक तरफ अंबानी होंगे और दूसरी तरफ अडानी. क्या आप उनसे लड़ सकते हैं, क्या आप उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सकते हैं. निश्चित रूप से नहीं.'' उन्होंने यह भी कहा कि मंडी व्यवस्था ध्वस्त होने से लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. राहुल ने एक अन्य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस एमएसपी और मंडी प्रणालियों को समाप्त करने की अनुमति नहीं देगी.

किसानों की कमर तोड़ दी
उन्होंने कहा, ‘‘एमएसपी, मंडियां और अनाज खरीद प्रणाली एक दीवार की तरह हैं. नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडानी के लिए इस दीवार को तोड़ना चाहते हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘अंग्रेजों ने भारत पर किस प्रकार शासन किया? उन्होंने किसानों की कमर तोड़ दी. जिस दिन किसानों और मजदूरों की कमर टूट गई, पूरा देश गुलाम बन जाएगा.’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नए कानूनों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. इस मौके पर पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़, मंत्री बलबीर सिद्धू, विजय इंदर सिंगला, राणा गुरमीत सोढ़ी और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे. हालांकि, विधायक और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद नहीं थे.

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