शरिया अदालतों के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, असंवैधानिक घोषित करने की मांग
Advertisement

शरिया अदालतों के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, असंवैधानिक घोषित करने की मांग

अर्जी में कहा गया है कि बहु-विवाह भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत अपराध है.

भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ निकाह-हलाला और बहु-विवाह की अनुमति देता है.

नई दिल्ली: निकाह, तलाक और अन्य मामलों पर फैसले के लिए शरिया अदालतों के गठन को असंवैधानिक घोषित करने की मांग करने वाली एक मुस्लिम महिला की नई याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने विचार किया है. 

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने याचिका दायर करने वाली जिकरा से कहा कि मुसलमानों में व्याप्त बहुविवाह और निकाह-हलाला के मामले में चल रही सुनवाई में पक्षकार बनने के लिए वह नये सिरे से अर्जी दायर करे.

पिछले वर्ष सुन्नी मुसलमानों में व्याप्त फौरी तीन-तलाक की पुरानी परंपरा को खत्म करने का फैसला सुनाने वाले न्यायालय ने समुदाय में व्याप्त बहु-विवाह और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 26 मार्च को पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया था.

मुसलमानों में व्याप्त बहु-विवाह की प्रथा एक पुरूष को चार महिलाओं के साथ विवाह का हक देती है. वहीं, निकाह हलाला में यदि एक पुरूष अपनी पत्नी को तलाक देने के बाद उससे पुन:विवाह करना चाहता है, तो ऐसी स्थिति में महिला को पहले किसी अन्य पुरूष के साथ विवाह करना होगा. जिसके बाद पत्नी की भांति यौन संबंध स्थापित करने होंगे. फिर दूसरे पति से तलाक लेने के बाद इद्दत की अवधि गुजारने के बाद ही वह अपने पहले पति से विवाह कर सकेगी.

उत्तर प्रदेश की रहने वाली 21 वर्षीय जिकरा दो बच्चों की मां हैं. न्यायालय में उनकी ओर से अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय पेश हुए थे. जिकरा ने अपनी अर्जी में अनुरोध किया है कि धारा 498ए के तहत तीन-तलाक को क्रूरता जबकि 'निकाह हलाला', 'निकाह मुताह' और 'निकाह मिस्यार' को धारा 375 के तहत बलात्कार घोषित किया जाये.

उसकी अर्जी में कहा गया है कि बहु-विवाह भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत अपराध है. जबकि भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ निकाह-हलाला और बहु-विवाह की अनुमति देता है.

जिकरा ने अपनी अर्जी में तीन तलाक, निकाह हलाला और अन्य कानूनों तथा परंपराओं के हाथों अपनी प्रताड़ना की बात कही है. महिला को दो बार तलाक का सामना करना पड़ा और अपने ही पति से निकाह करने के लिए निकाह-हलाला से गुजरना पड़ा.

(इनपुट-भाषा)

Trending news