इतिहास रचने की ओर लोकसभा का शीतकालीन सत्र, निपटाए जा रहे सबसे ज्यादा काम
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इतिहास रचने की ओर लोकसभा का शीतकालीन सत्र, निपटाए जा रहे सबसे ज्यादा काम

बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान संसद सदस्यों और सरकार के मंत्रियों को सभी बीस प्रश्न पूरे करने के लिए बधाई दी. 1972 के बाद ये पहला मौका है जब प्रश्नकाल में सभी सांसदों को ये मौका मिला.

इतिहास रचने की ओर लोकसभा का शीतकालीन सत्र, निपटाए जा रहे सबसे ज्यादा काम

नई दिल्ली: बीते सत्र के बाद इस बार फिर के शीतकालीन सत्र में लोकसभा इतिहास रचने की ओर है. लोकसभा के भीतर कामकाज को ज्यादा से ज्यादा निपटाया जा रहा है. बुधवार (27 नवंबर) प्रश्नकाल में सभी के सभी सांसदों को प्रश्न पूछने का मौका मिला. बीते 5 दशक में पहली बार है कि सभी सवालों के जवाब प्रश्नकाल के दौरान दिए गए हैं. बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान संसद सदस्यों और सरकार के मंत्रियों को सभी बीस प्रश्न पूरे करने के लिए बधाई दी. 1972 के बाद ये पहला मौका है जब प्रश्नकाल में सभी सांसदों को ये मौका मिला.

5वीं लोकसभा (1972) के चौथे सत्र से तारांकित प्रश्नों की संख्या को 20 पर सीमित कर दिया गया था. ऐसे प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए जाते हैं. तब से यह पहला ऐसा मौका है कि आज सभी 20 प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया. इससे पूर्व 5वीं लोक सभा (1972) के चौथे सत्र से आज तक, एक दिन में सबसे अधिक 14 प्रश्नों का मौखिक उत्तर 14 मार्च 1972 को दिया गया था.

एक प्रश्नकाल में मौखिक रूप से पूछे गए प्रश्नों की अधिकतम संख्या 45 है, जो की 15 मार्च 1955 को पहली लोकसभा के 9 वें सत्र के दौरान हुआ था. यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि तारांकित प्रश्न सूची 25 जनवरी 1963 को तीसरी लोकसभा के तीसरे सत्र के दौरान प्रति प्रश्न काल, 30 प्रश्नों तक सीमित किया गया था. इससे पहले तारांकित प्रश्न सूची के प्रतिबंधित होने के बाद एक दिन में अधिकतम प्रश्नों की संख्या 21 थी, जो की 13 सितंबर 1963 को तीसरी लोकसभा के 5 वें सत्र के दौरान हुआ था.

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