सर्दी के सितम से अभी नहीं मिलेगी राहत, अगले 48 घंटे जरा संभल कर!
Weather Update 20 December: IMD के मुताबिक उत्तर भारत (North India) के कई राज्य शीत लहर (Cold Wave) की चपेट में है. अधिकारियों का ये भी कहना है कि फिलहाल अगले 2 दिन तक इस हाड़ कंपाने वाली ठंडक से निजात नहीं मिलने वाली.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में रविवार का दिन सीजन का सबसे सर्द दिन (Cold Day) रहा. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम यानी 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री दर्ज हुआ. यानी दिल्ली (Delhi) समेत उत्तर भारत में शीत लहर (Cold Wave) का प्रकोप जारी है.
आज इतना लुढ़केगा पारा
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में सापेक्षिक आर्द्रता 39 से 85 के बीच रही. वहीं अधिकारिक पूर्वानुमान के मुताबिक आज यानी सोमवार को आसमान साफ रहेगा. वहीं दिल्ली के कुछ स्थानों पर शीतलहर (Delhi Cold Wave) की स्थिति रह सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का न्यूनतम और अधिकतम तापमान 4 से 19 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है.
IMD ने कहा कि दिल्ली में शनिवार को मौसम का पहला ‘सर्द दिन’ रहा और पश्चिमोत्तर हवाओं के कारण शहर में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री कम और इस मौसम का सबसे कम तापमान है.
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देश के ज्यादातर हिस्से इस समय हाड़ कंपाने वाली ठंड की चपेट में है. दिल्ली की सर्दी (Delhi Winters) वैसे भी पूरे देश और दुनिया में मशहूर है. IMD के मुताबिक हरियाणा (Haryana), पंजाब (Punjab), राजस्थान (Rajasthan) और हिमाचल प्रदेश के तमाम हिस्से बहुत ही भीषम कोल्ड वेव (Severe Cold Wave) की चपेट में हैं. डल झील जम चुकी है. यूपी, हरियाणा और राजस्थान के पारे में भी गिरावट आई है.
IMD के मुताबिक जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम या इसके बराबर और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जाता है, तो उसे ‘सर्द दिन’ कहा जाता है.
मौसम वैज्ञानिकों ने दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल के कई हिस्सों के कोल्ड वेव (Cold Wave) की चपेट में होने की पुष्टि की है.
अभी 2 दिन और राहत के आसार नहीं
पहाड़ों में बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ी है. इस बीच IMD ने अगले 48-72 घंटों तक शीत लहर से किसी तरह के राहत न मिलने का अनुमान जताया है. शुक्रवार को राजस्थान में न्यूनतम तापमान चुरु में सबसे कम -2.6 डिग्री दर्ज हुआ. इसबीच आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि नॉर्थ-वेस्ट इंडिया में अगले 3 दिनों तक शीत लहर जारी रहेगी. इस दौरान 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से ठंडी हवा बह सकती है. यानी अभी अगले कुछ दिन बहुत संभल कर रहना होगा.
सामान्य तापमान क्या होता है?
सामान्य तापमान यानी नॉर्मल टेंपरेचर की गणना हर 5 दिनों के लिए होती है. यह बीते 30 सालों से ज्यादा वक्त से उन दिनों का औसत तापमान होता है. अपने तपते रेतीले धोरों के लिए मशहूर राजस्थान के कई इलाकों में भी पारा शून्य के नीचे गया.
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कब होती है कोल्ड वेव?
आपको बता दें कि मैदानी और पहाड़ी इलाकों के लिए कोल्ड वेव के पैमाने अलग-अलग हैं. मौसम विभाग के अधिकारियों और वेदर एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान गिरकर 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए या फिर न्यूनतम तापमान में सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिरावट दिखे.
पहाड़ों में कोल्ड वेव कब?
पहाड़ी इलाकों में अगर न्यूनतम तापमान शून्य या उससे नीचे चला जाए तो कोल्ड वेव मानी जाती है. इसके अलावा अगर न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तब भी कोल्ड वेव की स्थिति होती है.
कोल्ड डे कब होता है?
अगर किसी इलाके में लगातार दो दिनों तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और उस दिन का अधिकतम तापमान भी सामान्य से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री तक कम हो.
(फाइल फोटो)
वहीं अगर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और अधिकतम तापमान में 6.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गिरावट दर्ज हो तो ये सिवियर कोल्ड डे यानी 'गंभीर ठंडक वाले दिन' के तौर पर रजिस्टर्ड होता है.
मैदानी इलाकों में कोल्ड वेव
मैदानी इलाकों में अगर किसी वेदर स्टेशन पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे या फिर यह सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तो ये स्थिति शीत लहर कहलाएगी. इसके अलावा अगर न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज हो तब भी कोल्ड वेव मानी जाती है.
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