ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है.
Trending Photos
नई दिल्ली: आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगा है. यह जो वलयाकार सूर्य ग्रहण है अर्थात पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण है. इस सूर्य ग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया गया है. इसका असर पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी देखने को मिल रहा है. सूर्य ग्रहण सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हुआ, जोकि 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. बता दें कि सूतक 12 घंटे पहले यानी 25 दिसंबर को रात 8 बजकर 17 मिनट पर ही लग गया था. ग्रहण चाहे सूर्य का हो या चंद्रमा का इस दौरान कुछ ऐसी बातें होती हैं जो भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
क्या हैं मान्यताएं
सूतक काल का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण दिखाई देने पर सूतक के कई मायने हैं. सूर्यग्रहण में सूतक का प्रभाव लगभग 12 घंटे पहले शुरू हो जाता हैं. वहीं चंद्र ग्रहण में यह अवधि 9 घंटे की हो जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए इस दौरान कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.
ग्रहण के दौरान क्या करें क्या ना करें
- सूर्यग्रहण में गर्भवती महिलाएं सूर्य की सीधी किरणों से बचें
- बुजुर्ग, बच्चे या किसी भी तरह के रोगी घर से बाहर न निकलें
- ग्रहण लगने से पहले भोजन कर लें, ग्रहण के बाद नया पकाएं
- दूध, दही, अचार-मुरब्बे जैसी चीज़ों में तुलसी के पत्ते डाल दें
- ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए
- ग्रहण को नग्न आखों से न देखें
ग्रहण के बाद दान-धर्म की मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह एक अशुभ घटना है और इसकी छाया से बचने के लिए लोग ग्रहण के बाद स्नान-दान करते हैं. लेकिन अब ज्ञान-विज्ञान का प्रसार होने से चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण संबंधी भ्रांतियां कम हुई हैं. हालांकि, कई लोग आज भी मानते हैं कि इस खगोलीय घटना से स्वास्थ्य और व्यापार पर असर होता है इसलिए वे दान और पुण्य के कार्य करते हैं.