चेन्नई: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तूतीकोरिन (Thoothukudi) में पुलिस हिरासत में पिता-पुत्र की मौत के मामले में सीबीआई ने पुलिसिया क्रूरता को उजागर किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि पुलिसकर्मियों ने हिरासत में लेने के बाद पिता-पुत्र को सात घंटों तक प्रताड़ित किया. फोरेंसिक सबूतों के आधार पर सीबीआई ने कहा है कि मृतकों के साथ इस कदर मारपीट की गई कि पुलिस स्टेशन की दीवारों पर उनके खून के छींटे पड़े मिले.


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नियमों के उल्लंघन का दिया था हवाला
आपको बता दें कि 19 जून को स्थानीय पुलिस ने लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए व्यापारी जयराज (Jeyaraj) और उनके बेटे बेनिक्स (Bennicks) को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस का कहना था कि दोनों ने निर्धारित दिशा-निर्देशों से 15 मिनट देर तक दुकान खुली रखी. पुलिस ने सबसे पहले जयराज को हिरासत में लिया था, बाद में जब बेनिक्स पुलिस स्टेशन पहुंचा, तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया.


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जमकर हुआ था बवाल
पिता-पुत्र की मौत पर तमिलनाडु में जमकर बवाल हुआ था. व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया था और विपक्ष ने भी सरकार को निशाना बनाया था. इसके बाद मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया. अब जांच एजेंसी ने पुलिसिया क्रूरता को उजागर किया है. अपनी चार्जशीट में CBI कहा है कि पिता-पुत्र के साथ रात पौने आठ से लेकर अगली सुबह तड़के 3 बजे तक कई बार मार-पिटाई की गई.  सीबीआई ने यह भी कहा है कि पुलिस ने अपना अपराध छिपाने के लिए बेनिक्स और जयराज के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी. जांच में यह भी सामने आया है कि पिता-पुत्र ने लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया था.


22 जून को हुई थी मौत
सीबीआई की चार्जशीट कहती है कि पुलिस ने दोनों को लाठियों से इतना पीटा कि उनके खून की छींटें शाकुंतलम पुलिस स्टेशन की दीवारों पर भी आ गईं. इसके बाद पुलिस ने पीड़ितों से ही खून के छींटें साफ करवाए. दोनों की मौत 22 जून को कुछ घंटों के अंतराल पर हो गई थी. जिस दिन पिता-पुत्र को प्रताड़ित किया गया, उस दिन पुलिस स्टेशन के सीसीटीव कैमरों में कोई फुटेज नहीं है.