इन ब्लड ग्रुप्स वालों को है कोविड से ज्यादा खतरा, नई स्‍टडी का दावा
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इन ब्लड ग्रुप्स वालों को है कोविड से ज्यादा खतरा, नई स्‍टडी का दावा

सर गंगाराम अस्पताल ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि अस्पताल में 2020 में 8 अप्रैल से 4 अक्टूबर के बीच भर्ती हुए 2,586 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर यह रिसर्च किया गया है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: दिल्ली के एक निजी अस्पताल की रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ‘ए’, ‘बी’ और खून ‘RH’ सहित है, वे उन लोगों की तुलना में कोविड-19 संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं जिनका ब्लड ग्रुप ‘O’ या ‘AB’ है और जिनका रक्त ‘RH’ रहित है.

  1. सरगंगा राम अस्पताल की नई रिसर्च आई सामने
  2. करीब 7 महीने चली रिसर्च में अनेकों दावे
  3.  ब्लड ग्रुप A, B वालों को है कोविड-19 का ज्यादा खतरा

करीब 7 महीने चली रिसर्च

सर गंगाराम अस्पताल ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि अस्पताल में 2020 में 8 अप्रैल से 4 अक्टूबर के बीच भर्ती हुए 2,586 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर यह रिसर्च किया गया है. इन मरीजों की आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी.

इन लोगों को है ज्यादा खतरा

यह रिसर्च अस्पताल के अनुसंधान विभाग व ‘ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन’ विभाग ने किया है, जिसमें पाया गया है कि जिन लोगों का रक्त समूह ‘ए’, ‘बी’ है और वे जिनका खून ‘आरएच’ सहित है, वे कोविड संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हैं जबकि जिन लोगों का रक्त समूह ‘ओ’, ‘एबी’ है वे जिनका रक्त आरएच रहित है, उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा कम है.

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रिसर्चर्स का दावा है कि ब्लड ग्रुप और बीमारी की गंभीरता और मृत्यु होने में कोई संबंध नहीं है.

क्या है 'आरएच फैक्टर'?

‘रेसुस फैक्टर’ या ‘आरएच फैक्टर’ एक प्रोटिन है जो ब्लड की लाल कोशिकाओं (Red Cells) की सतह पर हो सकता है और जिनके रक्त में यह तत्व पाया जाता है उनका रक्त ‘आरएच’ सहित (यानी आरएच पॉजिटिव) कहलाता है और जिन लोगों के खून में यह तत्व नहीं पाया जाता है उनका रक्त ‘आरएच’ रहित (यानी आरएच निगेटिव) कहलाता है.

आपको बता दें, यह रिसर्च ‘फ्रंटियर इन सेलुलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी’ के 21 नवंबर के संस्करण में प्रकाशित हुई है.

'कोरोना एक नया वायरस'

रिसर्च डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट डॉ रश्मि राणा ने बताया कि कोरोना वायरस एक नया वायरस है और यह अस्पष्ट है कि क्या रक्त समूह, कोविड-19 के खतरे या इसके शरीर में बढ़ने पर कोई प्रभाव डालता है. उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने इस अध्ययन में ‘एबीओ’ और ‘आरएच’ रक्त समूह की कोविड-19 के प्रति संवेदनशीलता, रोग निदान, ठीक होने का समय और मृत्यु दर के साथ जांच की. 

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रिसर्च में हुए ऐसे खुलासे

रिसर्च के को-राइटर व अस्पताल के ‘ब्लड ट्रांसफ्यूजन’ विभाग के प्रमुख डॉ विवेक रंजन ने बताया कि अध्ययन में यह भी पाया गया है कि ‘बी’ ब्लड ग्रुप वाले पुरुष मरीजों को इसी रक्त समूह की महिला मरीजों की तुलना में कोविड-19 का अधिक खतरा है. साथ ही अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि ब्लड ग्रुप ‘ए’ और ‘आरएच’ सहित रक्त वाले मरीजों में संक्रमण से उबरने में कम समय लगता है जबकि ब्लड ग्रुप ‘ओ’ और ‘आरएच’ रहित रक्त वाले मरीजों को संक्रमण से उबरने में ज्यादा वक्त लगता है.

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