कोलकाता : सिस्टर निर्मला को आखिरी विदाई देने के लिए आज हजारों लोग यहां मदर हाउस पर जमा हुए। सिस्टर निर्मला का लंबी बीमारी के बाद कल निधन हो गया था।
सुबह की प्रार्थना के बाद सिस्टर निर्मला के पार्थिव शरीर को सियालदह के सेंट जॉन्स गिरजाघर से मदर हाउस ले जाया गया ताकि लोग श्रद्धांजलि दे सकें। पार्थिव शरीर बीती रात सेंट जॉन्स गिरजाघर में रखा गया था।
गिरजाघरों, पादरियों और मिशनरीज ऑफ चैरिटी के प्रतिनिधि सिस्टर निर्मला के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुंच गए हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के निधन के बाद सिस्टर निर्मला मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रमुख बनी थीं।
सिस्टर निर्मला के निधन को ‘अपूर्णीय क्षति’ करार देने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शाम करीब चार बजे मदर हाउस में प्रस्तावित अंतिम संस्कार के मास में शामिल होंगी।
अधिकारी ने कहा, मदर हाउस में अंतिम संस्कार की प्रार्थना के बाद उनका पार्थिव शरीर सेंट जॉन्स गिरजाघर की कब्रगाह में ले जाया जाएगा। सिस्टर निर्मला का कल निधन हुआ था। वह 81 साल की थीं। वह हृदय संबंधी समस्याओं का सामना कर रही थीं और मई में उनकी हालत काफी खराब हो गई थी।
मदर टेरेसा के निधन के छह महीने पहले 13 मार्च, 1997 को सिस्टर निर्मला को मिसनरीज ऑफ चैरिटी का सुपीरियर जनरल चुना गया था। कोलकाता में अप्रैल, 2009 में हुई जनरल चैप्टर की बैठक में सिस्टर निर्मला के बाद सिस्टर मैरी प्रेमा को सुपीरियर जनरल बनाने का फैसला हुआ था।